AMRITSAR…..शायद नगर-निगम का इस सीवरेज पर नहीं है कोई ध्यान, डेंगू , मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों को दे रहा न्योता, गौर से देखिए ये मंदा हाल है  गोकुल विहार इलाका का……..।

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निवर्तमान पार्षद है इस शिकायत से अंजान……इलाका वासी बोले, 1-1 कीमती मत देकर जिताया था उन्हें…..अब नहीं सुनते उनकी कोई शिकायत

परवीन सहगल.अमृतसर। 

सीवरेज खुला पड़ा है, बारिश का गंदा पानी जमा पड़ा है। ऊपर से मच्छर, मक्खियां खूब भिनभिनाती हुई साफ दिखाई दे रही है। जनता परेशान है, लेकिन , इस जनता के लिए किसी के पास कोई समय नहीं है। यह हाल है, अमृतसर के बटाला रोड पर स्थित गोकुल विहार कॉलोनी का है।  कॉलोनी में रहने अधिकतम संख्या शिक्षित तथा सरकारी अधिकारियों से लेकर अच्छे व्यापारी लोगों की है। आबादी की संख्या 1 हजार के करीब है। खुला सीवरेज डेंगू,मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों को खुलेआम न्योता दे रहा है। ताजुब की बात है कि नगर-निगम अमृतसर के सफाई कर्मचारियों का कोई ध्यान तक नहीं है। वार्ड का हर मतदाता अपनी जुबान से एक ही बात कह रहा है कि यहां के पार्षद जी को अपना-अपना एक-एक कीमती मत डालकर उन्हें जीत दिलाई थी, लेकिन, जब से उन्हें निवर्तिमान पार्षद (यानी चुनाव होने तक पार्षद) का टैग लगा है, उन्होंने वार्ड की शिकायत को ही सुनना बंद कर दिया। 

मंगलवार को हमारे संवाददाता विशेष रूप से लोगों की शिकायत पर अपनी रिपोर्ट बनाने के लिए क्षेत्र में निकले तो उनकी पहली नज़र क्षेत्र में खुले सीवरेज पर पड़ी। सीवरेज एकदम खुला था। पास में 2 फीट तक बारिश का गंदा पानी खड़ा था। ऊपर से मच्छर तथा मक्खियां भिनभिना रही थी। संवाददाता को देख आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। उन्होंने अपनी समस्या को संवाददाता के समक्ष खुलकर बयां किया। उनके मुताबिक, यह सीवरेज की समस्या काफी लंबे समय से है। खासकर बारिश के दिनों में यह समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। कई बार निर्वतमान पार्षद से लेकर नगर-निगम टीम को शिकायत की, लेकिन, किसी ने नहीं इस समस्या पर गौर किया। समस्या जस की तस ही है। 

लोगों ने बताया कि इस गंदगी की वजह से उनके बच्चों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है। क्योंकि, उन्हें इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं बच्चे किसी भयानक बीमारी का शिकार न हो जाए। इसमें एक व्यक्ति ने हमारे संवाददाता को बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य इस गंदगी की वजह से पिछले दिनों बीमार हो गए। कई दिन तक ठीक नहीं हुए तो चिकित्सक के कहने पर टेस्ट कराए। टेस्ट रिपोर्ट में डेंगू आया। स्वस्थ होने में परिवार को कई दिन लग गए। अब जाकर ठीक हुए तो परिवार ने सुख की सांस ली। लेकिन, फिर से मन में एक ही भयं सता रहा है कि कहीं फिर से किसी अन्य को इस गंदगी की वजह से बीमारी का शिकार न होना पड़े। उन्होंने नगर-निगम से अपील की कि जल्द से जल्द इस समस्या का निवारण किया जाए। 

बीमारी का सीजन……नगर-निगम टीम सुस्त

सावन के माह में अक्सर बारिश का समय होता है। बारिश का पानी जगह-जगह इकट्ठा होने की वजह से मच्छर तथा मक्खियां भिनभिनाना आरंभ कर दी। जिस कारण अधिकतम देखने में आया कि इस मौसम में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। नगर-निगम तथा स्वास्थ्य विभाग इस सीजन में इस बात का दावा करता है कि उनकी टीम लोगों की सेवा में मुस्तैद है, लेकिन, हकीकत कुछ और ही बयां करती है, अधिकतर टीमें इस समय सुस्त हो जाती है। कोई काम नहीं करती है, बल्कि, लोगों की शिकायतों को भी अनसुना कर दिया जाता है। इस पर विभाग को बड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है, फिर जाकर समस्या का हल निकल पाएंगा। अन्यथा लोग परेशान होते रहेंगे।   

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