AMRITSAR—सीएम भगवंत मान को लिखा पत्र……..इसमें खुली पुलिस की पोल…..।

पवन कुमार.अमृतसर। 

आम नागरिकों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। आम जनता को काफी गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। 31 मार्च से पूर्व ट्रैफिक पुलिस आम जनता को बेवजह तंग कर रही है। बिना किसी ठोस कारण लोगों की जांच की जा रही है। इससे आम जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। 1930 हेल्पलाइन नंबर लोगों के प्रति अच्छा कार्य नहीं कर रहा है। पुलिस की ढिलाई की वजह से कई मामले पेंडिंग चल रहे हैं। रात्रि 12 बजे के उपरांत पुलिस नाकों पर अनुपस्थिति रहती है। इससे चोरी तथा अन्य अपराध में खासा इजाफा हो रहा है। ये सभी मामलों पर गंभीरता से ध्यान देना काफी आवश्यक है। मानव अधिकार संस्था के चेयरमैन प्रवीण सहगल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को एक पत्र लिख कर इन बातों का जिक्र किया। 

दरअसल, पुलिस कई जगह कई प्रशंसा योग कार्य कर रही है, लेकिन, कई मामलों में पुलिस का आम जनता के प्रति दुर्व्यवहार काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इन मुद्दों को प्रवीण सहगल ने काफी गंभीरता से उठाते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किए है। उनके पत्र के मुताबिक, 31 मार्च का हवाला देकर जिला ट्रैफिक पुलिस आम जनता को खासा परेशान कर रही है। बिना वजह उनके वाहन को रोककर प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे आम जनता के लिए काफी मुश्किल खड़ी हो रही है। 

..नाम की है हेल्पलाइन नंबर 1930 

सहगल ने पत्र में इस बात का विवरण करते कहा कि सरकार द्वारा जारी 1930 हेल्पलाइन नंबर सिर्फ नाम की ही नजर आ रही है। अगर कोई शिकायत करता है तो उसका निवारण ही नहीं किया जाता है। आम जनता काफी परेशान है। 80 फीसद शिकायत पेंडिंग है। इस पर सुधार होना बहुत जरूरी है। तभी जाकर आम जनता सरकार तथा पुलिस के प्रति विश्वास कायम होगा। 

रात्रि 12 बजे के उपरांत नाकों से गायब हो जाती है पुलिस

सहगल ने कहा कि रात्रि 12 बजे के उपरांत पुलिस नाका से गायब हो जाती है। इससे चोरी करने वाले तथा संगीन अपराध को अंजाम देने वालों के हौसले बढ़ जाते है तथा वे लोग बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे देते है। अगर पुलिस मुस्तैद हो तो शायद अपराध का ग्राफ में काफी हद तक कमी आ सकती है। इसमें बदलाव करने की बहुत आवश्यकता है।   

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