70 फीसद सड़कों पर झगड़े की प्रमुख वजह लापरवाह ड्राइविंग… अब तक सरकार-प्रशासन नहीं उठा पाए कोई बड़ा कदम…..आम-जनता मांगे जवाब
एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।
विश्व प्रसिद्ध शहर अमृतसर हर किसी की जुबां , दिमाग, दिल में बसा हुआ हैं। क्योंकि, यहां के लोग-खान पीन, मेहमानवाजी की वजह से हर किसी के दिल को कायल कर देते हैं। लेकिन, इन दिनों एक मुद्दा काफी गंभीर चल रहा हैं। यह मुद्दा मुसाफिरों के सफर के साथ जुड़ा हैं। यहां की सड़कों पर लगभग 7 लाख प्रतिदिन ऑटो चलते हैं। एक सर्वे ने हर किसी को हिला कर रख दिया हैं। बताया जा रहा है कि 80 फीसद ऑटो चालक नशेड़ी पाए गए हैं। चिंता की बात है कि मुसाफिरों की जिंदगी सड़कों पर जोखिम तरीके से दौड़ रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, 70 फीसद सड़कों पर झगड़ों की प्रमुख वजह ऑटो चालकों की लापरवाही रही हैं। हैरान करने वाली बड़ी बात है कि अब तक सरकार-प्रशासन इनके खिलाफ कोई बड़ा कदम नहीं उठा पाया। अब आम-जनता ने दोनों (सरकार-प्रशासन) से जवाब मांग लिया हैं।
90 के दशक उपरांत , शहर में फैक्ट्रियां बंद होने का दौर चला। कई लोग बेरोजगार हो गए। नौकरियां के कोई बड़े साधन नहीं थे। उस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने ऑटो डाल लिए। बताया जा रहा है तब ऑटो चालक बड़े ध्यानपूर्वक तरीके से चलाते थे। नियम कायदे का पालन करते थे। मुसाफिरों को बड़ी संख्या में सफर को सुगम बनाने में उस दौरान ( ऑटो चालकों) ने अहम भूमिका निभाई। 2010 के दशक उपरांत कुछ नशेड़ियों ने ऑटो चलाने शुरु कर दिए। बड़ी संख्या में मुसाफिर, इनकी लूट का शिकार बनें। कईयों ने तो लूटपाट गैंग बना लिया। पुलिस तफ्तीश में इस बात का बड़ा खुलासा भी हुआ।
बताया जाता है कि गुरुओं की नगरी अमृतसर में लाखों की संख्या में ऑटो चलते हैं। अकसर ऑटो चालक नशे में धुत होते हैं। मुसाफिरों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में इनकी लापरवाह ड्राइविंग बड़ा अडिग खड़ा कर रही हैं। कई बार मुसाफिरों के साथ बिना वजह उक्त ऑटो चालक झगड़ा करते साफ दिखाई देते हैं। इस मामले को लेकर प्रशासन के पास शिकायत भी आई। शर्म की बात, अब तक किसी ऑटो चालक के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। जिसका नुकसान आम-जनता या मुसाफिरों को झेलना पड़ा।
..खुद का ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं
जानकारी के मुताबिक, 60 फीसद ऑटो चालकों के पास खुद का ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं हैं। बिना दस्तावेज के 60 फीसद ऑटो सड़कों पर दौड़ रहे हैं। कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी, उनके दस्तावेज तक चेक करने की हिम्मत नहीं रखता हैं। विभागीय सूत्रों से पता चला है कि पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करने से डरती हैं। उन्हें इस बात का भय सताता है कि कहीं वे लोग रोष स्वरूप चक्का जाम न कर दें।
50 फीसद अपराधी
हैरान करने वाले तथ्य सामने आए है कि 50 फीसद ऑटो चालक किसी न किसी अपराध के साथ जुड़े हैं। कईयों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यहीं लोग मुसाफिरों तथा सैलानियों को प्रताड़ित करते हैं। पिछले समय इनके खिलाफ सवारियों के साथ लूटपाट करने के भी संगीन आरोप लगे है। पुलिस ने उन्हें पकड़ कर सलाखों के पीछे भी धकेला हैं।
वोटबैंक की राजनीति
जानकार, इस बात का भी हवाला देते है कि चूंकि, ऑटो वालों के पास लाखों की संख्या में वोट हैं। इनका एक-एक मत सरकार को बनाने तथा उतराने में अहम भूमिका निभाता हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव- 2022 में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में ऑटो चालकों ने अहम रोल निभाया। आप के संयोजक पंजाब के कई जिलों में ऑटो चालकों के साथ वोट मांगने के लिए उनके पास मुलाकात करने के लिए पहुंचे। एक बड़ा कारण यह भी है कि दिल्ली में भी आप को जिताने में ऑटो चालकों ने खास भूमिका निभाई थी।