एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।
मानव अधिकार को लेकर देश के नागरिक इतने जागरुक नहीं है, जिस वजह से उन्हें कुछ ताकतवार लोगों तथा सरकार के इशारे पर पुलिस के जुल्म को सहन करना पड़ता है। खासकर, पत्रकारों को लेकर सरकारों द्वारा पिछले समय काफी जुल्म ढाया गया। उनके खिलाफ बिना सबूत के मामले दर्ज कर दिए गए, इतना ही नहीं कई तो जेल की हवा भी खा कर बाहर आए। यह मुद्दा मानव अधिकार संगठन के एक बड़े पद्दाधिकारी तथा समाज सेवक इंद्रजीत सिंह ने एक खास कार्यक्रम में उठाया। वह मंगलवार को पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। इसके अलावा चायना डोर के दुष्प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। पूर्ण रुप से प्रतिबंध तथा बेचने-खरीदने वालों के खिलाफ कड़ा कानून पारित करने की वकालत की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक तथा पूर्व आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह शामिल हुए। कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए देश भर के हर हिस्से से लोग उपस्थित हुए।
मानव अधिकारी संगठन प्रतिवर्ष लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करता है। इस बार यह कार्यक्रम अमृतसर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए देश के कई हिस्सों ने लोगों ने हिस्सा लिया। मंच को संबोधित करते हुए, इंद्रजीत सिंह ने कहा कि देश 70 फीसद से ऊपर लोगों को अपने अधिकार के बारे नहीं पता है। इसलिए वे लोग अक्सर जुल्म का शिकार हो जाते है। मानव अधिकार संगठन हमेशा ही ऐसे लोगों तक पहुंच करता है तथा उनका अधिकार दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करता है। उनके संज्ञान में ऐसे केस आए है, जिनमें साफ झलक दिखाई देती थी कि उनके साथ सरकार के इशारे पर जुल्म किया गया। उन लोगों के मुद्दों को गर्मजोशी से उठाया गया। कानूनी सहयोग से उनका अधिकार दिलाया गया। अगर, भविष्य में किसी को उनके संगठन से सहायता की जरुरता पड़ती है तो वे लोग उनसे बिना घबराए संपर्क कर सकते है। आम जनता की सेवा में उनका संगठन सदैव खड़ है। विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह समाज सेवक इंद्रजीत सिंह के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें समाज का एक हीरा बताया।
चायना डोर है अभिशाप
समाज सेवक इंद्रजीत सिंह ने एक उदाहरण देते कहा कि चायना डोर हम सब के लिए अभिशाप है, इस डोर ने उनके एक बेहद करीबी कोच की जान ले ली थी। यह एक खतरनाक कैमिकल तथा कुछ तेजधार चीजों से तैयार की जाती है। अब यह चायना नहीं, बल्कि, पंजाब के लुधियाना शहर में निर्मित हो रही है। इस गौरखधंधे में सरकार से लेकर पुलिस उनकी मदद कर रही है। मगर, हम सबको प्रण लेना होगा कि इस बार चायना डोर का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना है। फिर जाकर, इस समाज के अभिशाप को खत्म किया जा सकता है।