बचाव में खड़े प्रशासनिक अधिकारी बोले…..ऐसा हो नहीं सकता, डॉक्टर देते है अपनी-अपनी ड्यूटी पूरी
एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अधीन श्री गुरु रामदास अस्पताल, वल्ला (एसजीआरडी) के डॉक्टरों का बुरा हाल है। आरोप लगे है कि यहां के अधिकतर डॉक्टर ओपीडी के दौरान अपनी सीट से गायब रहते है या फिर ड्यूटी के समय निजी प्रैक्टिस तथा एमआर के साथ चर्चा करने में व्यस्त रहते है। इस अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक तथा छाती के विशेषज्ञ डॉक्टर बीसी सरीन पर ओपीडी के बाहर इंतजार करने वाले मरीजों ने आरोप लगाया कि साहब पिछले तीन घंटा से डॉक्टर साहब का इंतजार किया जा रहा है। सिर्फ तो सिर्फ यह जवाब मिल रहा कि डॉक्टर साहब राउंड पर है।

उधर, एसजीआरडी के प्रशासनिक अधिकारी अमन डॉक्टरों का समर्थन करते कहा कि उनके डॉक्टर बिल्कुल ही ऐसा नहीं कर सकते है। डॉक्टर बीसी सरीन के पास मेडिकल अधीक्षक पदभार है, इसलिए वहां पर भी उन्हें जाना पड़ता है। सोमवार श्री गुरु रामदास अस्पताल की छाती रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर बीसी सरीन के ओपीडी कार्यालय के बाहर लगभग सुबह साढ़े आठ बजे मरीजों के लंबी लाइन लगी हुई थी। कुछ मरीज अपने तीमारदारों के साथ बाहर बैठे थे। भीतर बीसी सरीन गायब थे। भीतर बैठे दो अन्य डॉक्टर बैठे थे लेकिन फोन एवं नाश्ता करने में व्यस्त थे। बाहर बैठे दूर-दूर से आए मरीज परेशान होकर डॉक्टर साहब का इंतजार करते हुए दिखाई दिए। हिम्मत जुटा कर एक मरीज के तीमारदार ने भीतर बैठे अन्य डॉक्टर से पूछा कि डॉक्टर बीसी सरीन कब आ रहे है तो उन्होंने बताया कि इंतजार करें अभी आ जाएगे।
मरीजों ने जब अपना रोष जताया तो डॉक्टर के एक बेहद करीबी ने बताया कि अगर आपने डॉक्टर साहब से चेकआप या फिर दिखाना है तो उनके घर पर मुलाकात कर सकते है। एक मरीज की फीस 500 रुपए है। इससे एक बात साफ साबित हो जाती है कि संस्था से मोटी पगार लेने वाले डॉक्टरों का इन पैसों से पेट नहीं भरता है तथा घर में भी मोटी फीस मरीज से लेकर निजी रूप से धंधा चला रहे है। कुछ तस्वीरें सामने आई है कि यहां के डॉक्टरों से एमआर प्रतिदिन काफी संख्या में मुलाकात करते है। पता चला है कि एमआऱ द्वारा बताई गई कंपनी की दवा लिखने के लिए डॉक्टर से कहां जाता हैं। उक्त कंपनी डॉक्टर को उपहार के रूप में उत्सव में बड़ी-बड़ी गाड़ियां देते है।
मानवता के बढ़िया कार्य के रूप में जानी जाती है एसजीपीसी….एसजीआरडी डॉक्टर कर रहे छवि धूमिल
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मानवता के रूप में बढ़िया कार्य करने के रुप में जानी जाती है। देश-विदेश में कई ऐतिहासिक कार्य करके एक अलग पहचान बना चुकी एसजीपीसी के अधीन एसजीआरडी के डॉक्टर इस प्रकार के काम करके छवि को धूमिल कर रहे है। इतना ही नहीं, पीठ के पीछे एसजीआरडी प्रशासन डॉक्टर का पूर्ण रूप से समर्थन भी करता है। यानी उनके हर कार्य में सहमति जताने में पीछे भी नहीं हटता है।
उच्च-स्तरीय कमेटी से जांच की मांग की
लंबे समय से खराब होने वाले मरीजों ने कहा कि उनकी समस्या बिल्कुल ही नजरअंदाज करने वाली नहीं है। उन्हें इस मानवता के नाम से चलने वाले अस्पताल से काफी आस थी। इसलिए यहां पर दिखाने के लिए डाक्टर के पास चले आए। उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि यहां का सिस्टम सरकारी अस्पताल से भी बदतर है। आरोप लगाए कि डॉक्टर निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहते है, जबकि यहां पर उन्हें इलाज कराने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने मांग की डॉक्टरों की जांच उच्च स्तरीय गठित कमेटी से करानी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सकें।
एमआर की लगती है लंबी लाइन
डॉक्टर के पास मरीजों को देखने के लिए भले समय कम हों, जबकि एमआर को एसजीआरडी अस्पताल के डाक्टर खासा समय देते है। ओपीडी के बाहर एमआर की लाइन सुबह ही लग जाती है। मरीजों को नजरअंदाज करते हुए एमआर को अधिक समय दिया जाता है। उनके द्वारा प्रमाणित की गई दवा को मरीज को लिखी जाती है। इसके बदले में डॉक्टरों को उपहार के रूप में लग्जरी गाड़ियां गिफ्ट की जाती है।
30 मरीज ओपीडी में देख चुके है
डॉक्टर बीसी सरीन ने कहा कि वह थोड़े समय के लिए राउंड पर गए थे। अब तक 30 मरीज की ओपीडी देख चुका हूं। मेडिकल अधीक्षक का पदभार भी उनके पास है। अपनी ड्यूटी ईमानदारी तथा निष्ठा से निभाते है। आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है।
बिना प्रमाण के कुछ नहीं कह सकता
श्री गुरु रामदास अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी अमन ने कहा कि किसी के शिकायत के साथ प्रमाण होने से पहले वह कुछ नहीं कह सकते है। डॉक्टर बीसी सरीन के पास ओपीडी के अलावा मेडिकल अधीक्षक का पदभार भी है। उनके जगह अन्य डॉक्टर भी इलाज करते है। किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।