वरिष्ठ पत्रकार कुमार सोनी.अमृतसर।
कहते है समाज में भले लोगों की कोई कमी नहीं है, जी , हां। जिनका हमेशा से ही समाज के प्रति दायित्व रहा है कि कुछ भला करने का। ऐसे ही पंजाब के अमृतसर से संबंध रखने वाले पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर संजीव शर्मा है, जोकि समाज के प्रति अच्छे कार्य कर लोगों में अच्छी मिसाल पैदा कर रहे हैं। टंडन नगर गुरुद्वारा के पास लटक रही बिजली की तारों की समस्या काफी लंबे समय से थी। कई दौर के सरकार के पार्षद आए, किसी ने लोगों का दर्द नहीं समझा। लेकिन, शर्मा जी का लोगों का दर्द बिल्कुल सहन नहीं हो सका, इसलिए , उन्होंने अपनी पसीने की कमाई से इन जानलेवा बिजली की तारों का झंझट हमेशा-हमेशा के लिए दूर करने के लिए अहम भूमिका निभाई। अब लोगों को राहत मिल चुकी हैं। इलाका वासियों की जुबां शर्मा जी की प्रशंसा करने से थक नहीं रही हैं। ऐसा हो भी क्यों नहीं, क्योंकि शर्मा जी ने हर किसी का दिल जीत लिया हैं।
शर्मा के मुताबिक, उन्हें समाज के लिए भला करने में सुकून मिलता हैं। बचपन से समाज के लिए अच्छा करने का मन ही मन में सपना सजा लिया था। युवावस्था में पुलिस विभाग में नौकरी ली। आतंक का दौर देखा, लेकिन, कभी किसी से भयं नहीं महसूस किया। हमेशा लोगों को चैन की नीद दिलाने के लिए, एक रक्षक के रूप में डटकर ड्यूटी दी। अपराध के ग्राफ को कम करने के लिए हमेशा गलत गतिविधियों को अंजाम देने वालों को पकड़ कर सलाखों के पीछे धकेला। किसी के साथ अन्याय नहीं किया। न्याय के लिए किसी को भटकाने का अवसर नहीं दिया। उसके दर्द को समझा तथा कानून के मुताबिक सहयोग दिया।
नौकरी के दौरान भी मन लोगों के लिए भला करने के लिए अपना समय निकाला। पगार में कुछ हिस्सा समाज के नेक कार्य में खर्च किया। परिवार उनकी हर आदत से परिचित था। इसलिए, उनके नेक कार्य हरसंभव मदद करने के साथ-साथ , जी हां मिलाई। अब नौकरी से सेवानिवृत हो चुके है, इसलिए शेष जिंदगी में खुलकर समाज के लिए भलाई का काम करने के लिए जुट चुके हैं। टंडन नगर में केबल तार की बड़ी समस्या का समाधान करा कर लोगों के दिलों में अलग सी छाप छोड़ दी हैं।
कोविड-19 दौरान युद्वा के रूप में किया कार्य
चूंकि, कोविड -19 महामारी दौरान पुलिस का हर मुलाजिम तथा अधिकारी एक युद्वा के तौर पर मैदान में डटा रहा, लेकिन, संजीव शर्मा ने इस दौरान अपनी ड्यूटी में इजाफा करते हुए 20 घंटा काम किया। उनके मुताबिक, तब वक्त काफी कठिन था, लेकिन, जज्बा कुछ करने के लिए था, इसलिए हर कार्य आसान होता गया। असहाय को राशन बांटने से लेकर मास्क की सुविधा भी मुहैया कराई।
कई बार हुए सम्मानित
संजीव कुमार अपनी जिंदगी के समय में कई बार सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें सराहनीय कार्य की वजह से जिला प्रशासन से लेकर राज्य स्तरीय तथा कई एनजीओ ने सम्मानित किया। उनके मुताबिक, पैसे से ऊपर जिंदगी में सम्मान एक सबसे बड़ी उपलब्धि होती हैं। इसे हासिल कर, समाज में सिर ऊंचा करने में एक प्रकार से फक्र महसूस होता हैं।
भविष्य में गरीबों की बाजू बनेंगे
शर्मा के मुताबिक, शेष जिंदगी में वह अब गरीबों के लिए कुछ नया करने के लिए सोच रहे हैं। उन्हें हर प्रकार की मदद तो दी ही जाएंगी, अगर कोई निर्धन का बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है तो उसकी आर्थिक तौर पर सहयोग करेंगे, ताकि यहीं बच्चे भविष्य में देश का उज्जवल बन सकें। उन्होंने मन ही मन में ठान लिया है कि वह अब सिर्फ तो सिर्फ गरीबों की बाजू बनेंगे।
ईमानदारी से बढ़कर कुछ नहीं
उन्होंने वर्तमान के युवाओं से अपील की कि वह हमेशा अपनी जिंदगी को ईमानदारी के साथ व्यतीत करें। क्योंकि, ईमानदारी के साथ जीवन में हर प्रकार का मुकाम काफी जटिल तरीके से पाया जा सकता हैं। अधिकांश युवा आसान तरीके से पैसा कमाने की सोच रखते है, जिस वजह से वह लोग गलत राह पर चल पड़ते हैं। उनका भविष्य हमेशा-हमेशा के लिए खराब हो जाता हैं। अधिक दुख तो उनके अभिभावकों को पहुंचता हैं। गंदी आदतों से हमेशा परहेज करने की नसीहत लेनी चाहिए।