सरकार-प्रशासन को सीख देने वाली बहन लक्ष्मीकांत चावला के 2 पदाधिकारियों पर लगा संगीन आरोप, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी में हुआ बड़ा खुलासा

मेरी जान-माल को कोई नुकसान हो जाता है तो होंगे ये 2 पदाधिकारी जिम्मेंदार—पंडित चमन लाल

दुर्गयाणा प्रबंधन कमेटी की प्रधानाचार्य बहन लक्ष्मीकांत चावला से लगाई इंसाफ की गुहार, अब देखा जाएगा कि क्या कोई लिया जाएगा बड़ा एक्शन, या फिर डाल दिया जाएगा ठंडे-बस्ते में मामला

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।

सरकार तथा प्रशासन को सीख देने वाली बहन जी लक्ष्मीकांत चावला जिस प्रबंधन कमेटी की प्रधानाचार्य है, उस समिति के 2 बड़े पदाधिकारियों पर संगीन आरोप लगा है। आरोप लगाने वाले पंडित चमन लाल खुद मंदिर में 45 वर्ष तक कथावाचक तथा रामायण पढ़ने की अपनी ड्यूटी दे चुके है। 2 पदाधिकारियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने पंडित चमन लाल को मानसिक तौर पर परेशान करने के साथ-साथ उनका आर्थिक तौर पर भी शोषण किया। इस बात की पुष्टि, सोशल मीडिया में वायरल हो रही चिट्ठी से खुलासा हुआ। 

उन्होंने दुर्गयाणा समिति की प्रधानाचार्य से आग्रह किया कि  इन पदाधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाए ताकि उन्हें इंसाफ मिल सकें। पंडित चमन लाल ने आरोप लगाया कि 2 माह पहले उन्हें बिना वजह से सेवानिवृत किया गया। पिछले समय का बकाया भी नहीं उन्हें दिया गया। रक्तचाप तथा मानसिक तौर पर परेशान रहने लग पड़े है। आरोप लगाया कि 2 पदाधिकारियों की वजह से सभी पंडित स्टाफ परेशान है तथा अपनी मर्जी से उन्हें काम पर रख लेते है या फिर निकाल देते है, कोई उन्हें पूछने वाला नहीं है। बड़े स्तर पर घोटाला चल रहा है। जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। आरोप लगाया कि अगर मेरी किसी प्रकार से कोई जानमाल का नुकसान होता है तो उसके लिए दोनों पदाधिकारी पूर्ण तौर पर जिम्मेदार होंगे। 

पंडित चमन लाल के मुताबिक, वह 45 साल पहले दुर्गियाना मंदिर में बतौर पंडित के तौर पर नियुक्त हुए थे। 22 वर्ष पहले 2 पदाधिकारियों ने उन्हें भगवान शिव जी की पूर्ति के पास कैमरे के समक्ष कथा करने के लिए नियुक्त किया गया। इसके लिए बतौर पगार में अतिरिक्त इजाफा किया गया। कुछ समय पैसे को सही ढंग से दिया गया। लेकिन, कुछ माह से पैसे देने बिल्कुल ही बंद कर दिए। ऊपर से पैसे मांगे तो उन्हें धमकाना आरंभ कर दिया।  वे इस धमकी के समक्ष नहीं डरे तो उन्हें समय से पहले ही सेवानिवृत कर दिया गया। कई बार उनके समक्ष इंसाफ की गुहार लगाई , लेकिन एक बार भी नहीं उनकी बात को सुना गया। वह अब मानसिक तौर पर परेशान रहने लग पड़े। रक्तचाप तथा मधुमेह जैसी बीमारियों से पूरी तरह संक्रमित हो चुके है। आरोप लगाया कि उनकी तरह अन्य पंडितों को भी यह 2 पदाधिकारी मानसिक तौर पर परेशान करते है। भीतर का माहौल काफी खराब हो चुका है। कोई इनके खिलाफ बोलने से डरता है। अगर कोई बोलता है तो उसे नौकरी से बाहर कर दिया जाता है। 

पंडित चमन लाल ने आरोप लगाया कि ये 2 पदाधिकारी इतने चुस्त व चलाक है कि कोई भी शिकायत प्रधानाचार्य के पास पहुंचने तक नहीं देते है। शिकायत करने वाले को डरा धमका दिया जाता है, जिस कारण वह अपनी शिकायत को वापस ले लेता है। आरोप लगाया कि ये 2 लोगों की वजह से प्रबंधन कमेटी में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। किसी की जांच नहीं हो रही है। अगर जांच की जाए तो दावे के साथ कह सकता हूं कि बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। 

…हमेशा से ही दुर्गयाणा कमेटी विवादों में रही

यह पहली बार नहीं होगा कि दुर्गियाना कमेटी पर इतना बड़ा संगीन आरोप लगा है। दरअसल, इस कमेटी में 2 पदाधिकारी ऐसे है , जिनकी वजह से अन्य को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। कई बार पैसे की हेराफेरी करने के भी आरोप लग चुके है। लेकिन, मामले को समय-समय पर दबाया जाता रहा है। जिस कारण सच्चाई कभी सामने नहीं आ पाई। अब पंडित बलराम जैसे पीड़ित ने अपनी आवाज बुलंद कर इस विवाद को नया मोड़ दे दिया है। अब देखना होगा कि सच्चाई का दावा करने वाली बहन लक्ष्मीकांत चावला इस मामले को किस लिहाज से लेती है। 

आरोप बेबुनियाद, फैसला कमेटी का, उनका कोई लेनदेन नहीं

जिन पर आरोप लगे, उनमें एक पदाधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि फैसला कमेटी का था। आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है। मेरा कोई लेनदेन नहीं है । दूसरे पदाधिकारी से कई बार संपर्क किया तो उन्होंने आगे से कोई संतुष्ट जवाब नहीं दिया। 

मैडम बैठक में व्यस्त…….फ्री होगी तो बात करा दूंगा

बहन लक्ष्मीकांत चावला से संपर्क किया तो उनका फोन निजी सलाहकार ने उठाया। बोले कि वह बैठक में इस समय व्यस्त है, फोन पर अभी बात नहीं हो पाएगी। फ्री होती है तो आपसे बात करवा दी जाएगा। लेकिन, बाद में उनका कोई फोन वापस नहीं आया।

महत्वपूर्ण बात, जिस पर गौर करना अति आवश्यक

कमेटी से पूरा हिसाब किताब तथा जनता से जुड़ी अहम जानकारी लेना अति आवश्यक है। क्योंकि श्रद्वूलूओं के चढ़ावे से ही प्रबंधन कमेटी चलती है। लेकिन, विडंबना,  इस बात की है कि कुछ लोग इस कमेटी पर पक्का कब्जा कर चढ़ावे के पैसे से लेकर , पंडित जैसी बिरादरी पर अत्याचार करते रहते है। जो इन लोगों के खिलाफ खड़ा होता है, उन्हें दबा दिया जाता है या फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। दरअसल, यह सब कुछ एक प्रकार से गलत है, जिसमें सुधारात्मक कदम उठाना समय की आवश्यकता है। 

शिक्षित लोगों की मांग……….राज्यपाल के अधिकृत हो कमेटी

कुछ शिक्षित समाज से जुड़े लोगों ने अपनी राय रखते हुए कहा कि दुर्ग्याणा तीर्थ स्थल पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।  इस प्रबंधन कमेटी को संभालना कोई आसान कार्य नहीं है। साफ सुथरी छवि से जुड़े लोगों का हिस्सा होना अति आवश्यक है। खासकर कोई राजनीति से जुड़ा व्यक्ति इस प्रबंधन कमेटी का हिस्सा नहीं होना चाहिए। प्रदेश के राज्यपाल के अधिकृत कमेटी होनी चाहिए, जैसा कि श्री वैष्णो देवी को चलाया जा रहा है। ऐसा होने से भ्रष्टाचार से लेकर अन्य शिकायतें का भी जल्द से जल्द निवारण हो जाएगा। 

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