STORY…..ये वो युवा महिला निर्वाचित सरपंच चेहरे …..इनकी सोच पर है मान…कुछ कर दिखाने पर ही उनका ध्यान

NEW LADIES SARPANCH APPOINTED BY SNE NEWS IMAGE

वरिष्ठ पत्रकार.बठिंडा चंडीगढ़। 

इस बार राज्य के पंचायत चुनाव काफी दिलचस्प रहा। खास बात रही है कि युवा महिलाओं की हिस्सेदारी भी काफी रही। वहीं, चुनाव परिणाम में महिलाओं पुरुषों के मुकाबले में काफी संख्या में जीत हासिल कर नया रिकॉर्ड कायम किया। पंजाब के बठिंडा में तो इस बार  316 पंचायतों में से 162 में अब महिला सरपंच निर्वाचित हैं। ये महिलाएं शिक्षा, स्वच्छता, बुनियादी ढांचे के विकास और हाशिए पर पड़े समूहों के सशक्तिकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का काम अभी से आरंभ कर दिया हैं।

…जानें, क्या है इनके वादे

इन सरपंचों द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक उनके गांवों में बुनियादी ढांचे में सुधार करना है, जिसमें सड़कों को उन्नत करना, स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित करना और स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों जैसी सार्वजनिक सुविधाओं को बढ़ाना शामिल है। इन नेताओं का उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देना और बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना भी है। युवा सरपंच, जिनमें से कई अच्छी तरह से शिक्षित हैं, बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों को स्कूल जाने और पढ़ने के लिए सुनिश्चित करके शिक्षा की खाई को पाटने के लिए भी दृढ़ हैं।


इनमें अमनदीप कौर (24) जोधपुर पाखर गांव की सरपंच चुनी गई हैं। इससे पहले उनकी मां हरपाल कौर ने इस पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था, जबकि अमनदीप ने डमी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया था। जांच के दौरान हरपाल के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। अमनदीप के नामांकन पत्र स्वीकार किए गए, जिससे उनका चुनाव हुआ।


शगन प्रीत कौर (26) भाई रूपा खुर्द गांव की सरपंच चुनी गई हैं। वह सरकारी राजिंदरा कॉलेज से एमएससी कर रही हैं और उन्होंने बीएड भी किया है। वह आम आदमी पार्टी की ब्लॉक अध्यक्ष भी हैं।


शगुन प्रीत ने कहा, “मैं कई प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं। इसमें महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाना और गांव में बेहतर बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना शामिल है। बेहतर जल निकासी, अच्छी सड़कें, सुरक्षित पेयजल और गांव के तालाब की सफाई मेरी प्राथमिकता होगी।”


बाबा जीवन सिंह गांव के निवासियों ने 27 वर्षीय कंचन को सरपंच चुना है। इसी तरह, सुमन प्रीत कौर सिद्धू (35) पूहली गांव की सरपंच चुनी गई हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक और सामुदायिक शिक्षा एवं शासन में एमए किया है।


सुमन प्रीत ने कहा, “मैं सिविल सेवाओं की तैयारी कर रही थी, तभी मुझे एहसास हुआ कि नीतियां बनाने वाले राजनेता होते हैं। मैंने हिम्मत करने का फैसला किया और सरपंच चुनी गई। अब मेरा ध्यान गांव में शिक्षा और चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के अलावा जल निकासी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर है। मैं अपने गांव के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करूंगी।”


इन युवा महिलाओं का चुनाव ग्रामीण शासन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है। ये नवनिर्वाचित सरपंच भ्रष्टाचार से लड़ने और यह सुनिश्चित करने की शपथ लेते हैं कि सरकारी योजनाओं और धन का उपयोग उनके गांवों की बेहतरी के लिए पारदर्शी और प्रभावी ढंग से किया जाए।

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