एसएनई न्यूज़ पड़ताल में बड़ा खुलासा-होटल रेड मामला—-सिस्टम के आगे बेबस दिखी बटाला पुलिस-जानबूझकर कमजोर धाराएं लगा छुपाया अपराध

न्यू ग्रैंड होटल v/s  स्टार होटल—– न्यू ग्रैंड मामले में धारा-3,4,5, जबकि स्टार होटल के खिलाफ धारा-188- सेम परिस्थितिया सेम अपराध-मगर कार्रवाई में बड़ी झोल, ऐसे में उठता है बटाला पुलिस के रोल पर बड़ा सवाल, जनता मांगे जवाब

नितिन धवन.गुरदासपुर

मंगलवार दोपहर जिला गुरदासपुर की तहसील बटाला की मल्ली मार्केट में स्थित स्टार होटल में पुलिस की रेड हुई। उस दौरान एक बुजुर्ग सहित आपत्तिजनक हालत में आठ जोड़े पकड़ने का जिला बटाला पुलिस ने दावा किया। इस मामले में बुधवार को एसएनई न्यूज़ की टीम की पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। उसमें पता चला है कि होटल रेड में जिला बटाला पुलिस सिरे से बेबस दिखी तथा इस बात का अंदाजा यहीं से पता लगाया जा सकता है कि वहां पर सिर्फ होटल के मैनेजर के खिलाफ धारा 188 का मामला दर्ज कर लिया। 

शिवसेना भारतीय के राष्ट्रीय उपप्रमुख अंकित अग्रवाल


  उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिन पहले शहर के एक ग्रैंड होटल में पुलिस ने रेड कर वहां से कुछ जोड़ों को आपत्तिजनक परिस्थितियों में गिरफ्तार किया। पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा-3,4,5 लगाकर मामला दर्ज कर लिया। अब कल की रेड में पुलिस ने यहां से रेड कर एक बुजुर्ग सहित आठ जोड़े हिरासत में लिए। पड़ताल के बावजूद पुलिस ने बेबस सिस्टम के आगे झुकते हुए यहां के एक मैनेजर के खिलाफ धारा-188 (यानी प्रतिबंध के बावजूद अधिक लोगों का जमावड़ा) की धारा के अधीन मामला दर्ज कर लिया। इन दोनों होटल की सेम परिस्थितियां सेम अपराध के बावजूद पुलिस की कार्यप्रणाली में बड़ी झोल सामने आई। ऐसे में अब बटाला पुलिस के रोल पर सवाल उठने लगे है कि दबाव के आगे पुलिस ने इस मामले को कमजोर धारा लगाकर ठंडे बस्ते में डाल दिया। 


 रेड दौरान होटल के मैनेजर के पास से पुलिस ने एक राष्ट्रीय अखबार का पहचान पत्र (यानी आई कार्ड) बरामद किया। इससे एक बात साबित हो जाती है कि पत्रकारिता की आड़ में यहां पर कई प्रकार के गलत काम चल रहे थे। फिलहाल पुलिस इस बारे कोई अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं कर रही है। बताया जा रहा है कि जिस मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई हुई वे तो एक प्रकार से मोहरा था, जबकि शेष मास्टरमाइंड अपने दबाव की वजह से बच गया। 
पुलिस की थयोरीएसएसपी बटाला अश्विनी कपूर ने बताया कि इस मामले में उनकी जांच में यह सामने आया की कि होटल मैनेजर ने अपने रजिस्टर पर होटल में ठहरने वाली लड़कियों का नाम दर्ज नहीं कर रखा था, जबकि लड़कों का नाम दर्ज था। हर कोई कमरे में एक-दूसरे की सहमति से ठहरे थे। इस कारणवश पुलिस ने अन्य धाराएं नहीं लगाई। किसी प्रकार से पुलिस पर कोई दबाव नहीं था। 


पुलिस के खिलाफ कुछ अनसुलझे सवाल

अगर डीएसपी, दो थाना प्रभारी , एक सीआईए स्टाफ के नेतृत्व में पुलिस ने होटल में रेड की तो इसके पीछे कहीं न कहीं कोई बड़े अपराध की वजह थी। अब पुलिस अपनी थयौरी में बता रही है कि रेड दौरान सिर्फ , उन्हें होटल रिकार्ड रजिस्टर में कुछ त्रुटियां सामने आई। होटल मैनेजर उसे छिपा रहा था, जिस कारण उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। धारा उसके खिलाफ 188 लगाई गई, यानी पुलिस ने अपनी जांच में लोगों का ध्यान को भटका दिया। जबकि, पुलिस की तरफ कुछ अनसुलझे सवालों में यह बात स्पष्ट नहीं हो रही है कि जिन जोड़ो को गिरफ्तार किया गया। उन्हें बाद में किस आधार या फिर दबाव के कारण छोड़ दिया गया।


होटल में इन लोगों को किया जाता था खुशसूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी मुताबिक पत्रकार पत्रकारिता की आड़ में गलत कामों को छिपाने के लिए राष्ट्रीय अखबार के बड़े-बड़े पत्रकारों तथा ऐड विभाग के मैनेजर को खुश करने के लिए इस होटल में स्टे कराता था। उन्हें हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराने के लिए हर संभव कोशिश होती थी।  इतना ही नहीं, होटल का मालिक पत्रकार इन पर खर्च अपनी जेब से करता था। 


होटल मालिक पत्रकार के खिलाफ दायरे की तरफ से जांच शुरुजिस प्रकार से होटल के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई। उस मामले में एक राष्ट्रीय अखबार एक पत्रकार का नाम जुड़ने से कई सोशल मीडिया वेब पोर्टल में खबर प्रकाशित होने पर अखबार के संपादकों ने पत्रकार के खिलाफ एक जांच टीम गठित कर दी। इस मामले को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है कि दायरा पत्रकार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकता है। क्योंकि, पुलिस रेड दौरान होटल मैनेजर अपराधी के यहां से राष्ट्रीय अखबार का आई-कार्ड हासिल हुआ। किस आधार पर पत्रकार ने उसका आई कार्ड बना दिया। इस बारे भी जांच शुरु हो गई। 


राष्ट्रीय अखबार की सुर्खियां से गायब हुई होटल रेड की खबर

शहर में एक होटल में इतनी बड़ी रेड हो गई, जबकि बुधवार के दिन उन अखबारों की सुर्खियों में इस मामले को गायब ही कर दिया। इनमें कुछ राष्ट्रीय अखबार के दायरे दावा करते है कि वे सच्चाई को हमेशा ही लोगों के सामने लाते है, जबकि इन पर भी सवाल खड़े होते है कि इस खबर को क्यों नहीं अपने पेपर में लगाया गया। क्या वाक्य ही एक पत्रकार की घिनौनी हरकत को छिपाने के लिए इस प्रकार का षडयंत्र रचा गया। उधर, सोशल मीडिया चैनल ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर इस बात का प्रमाण दे दिया गया। लोगों की आवाज उठाने के लिए वे हमेशा ही तैयार है। 


सामाजिक संस्थाओं ने किया कड़ा विरोध

बटाला से जुड़े कुछ हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर कड़ा विरोध जताया। शिवसेना भारतीय के राष्ट्रीय उप-प्रमुख अंकित अग्रवाल ने कहा कि पुलिस प्रशासन को इस बुराई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बटाला वैसे भी प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी तथा भगवान श्री शिव जी बेटे कार्तिकेय की धरती से जाना जाता है। इसलिए यह शहर सिखों तथा हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है। होटल में चल देह व्यापार को रोकने के लिए पुलिस का डंडा चलना अति अनिवार्य है। कल की रेड में होटल मालिक के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। 


पुलिस अपराध को छिपा रही है- अधिवक्ता (एडवोकेट पंजाब एंड हरियाणा जसबीर घुम्मन)

पंजाब एंड हरियाणा के वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस द्वारा कल होटल में की गई कार्रवाई कुछ न कुछ छिपा रही है। जिन जोड़ो को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, जबकि होटल मालिक पर धारा-188 लगाकर अपराध तथा अपराधी दोनों को साफतौर पर बचाने के संकेत मिल रहे है। 

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