वरिष्ठ पत्रकार.गुरदासपुर।
ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में हुई। न्यू अमृतसर स्थित बबलीन कौर के आवास पर पुलिस ने बुधवार सुबह दबिश देकर गहनता से तलाशी ली। बताया जा रहा है कि पुलिस के हाथ भ्रष्टाचार से संबंधित कुछ अहम दस्तावेज हासिल हुए हैं। इन्हें कब्जे में ले लिया गया। पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी को लेकर पुष्टि कर दी। बबलीन कौर के अधीन जिला गुरदासपुर, पठानकोट क्षेत्र आता हैं। वहां पर कई बार, उनके खिलाफ मेडिकल स्टोर का लाइसेंस जारी करने के नाम पर मोटी रिश्वत मांगने का आरोप लग चुका हैं। इतना ही नहीं, इस काम के लिए उनके अधीन काम करने वाले दर्ज चारी मुलाजिम इस गोरखधंधे में लिप्त थे। बताया जा रहा है कि उक्त मुलाजिमों की गिरफ्तारी के उपरांत पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ था।
बुधवार को जिला अमृतसर पुलिस ने न्यू अमृतसर स्थित ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर के आवास पर दबिश दी। आवास में बबलीन कौर उपस्थिति नहीं थे। पुलिस ने घर की गहनता से छानबीन की। बताया जा रहा है कि पुलिस की रेड सुबह 6-7 बजे की। पुलिस टीम में महिला कर्मचारी भी शामिल थे। पुलिस को वहां से रिश्वत का तो फिलहाल कोई पैसा नहीं बरामद हुआ, जबकि, भ्रष्टाचार से संबंधित कुछ अहम दस्तावेज हासिल हुए। इस बात की पुष्टि, पुलिस रेड में शामिल एक अधिकारी ने की। उन्होंने बताया कि बबलीन कौर को भी उनकी दूसरी टीम ने अभी गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया। वहां पर वह किसी जानकार के आवास पर छिपी हुई थी।
सिविल अस्पताल मेडिकल हुआ
जानकारी के मुताबिक, सिविल अस्पताल अमृतसर में पुलिस टीम ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर को पुलिस टीम मेडिकल करवाने के लिए पहुंच गई है। वहां पर डॉक्टरों की एक टीम उनका मेडिकल कर रही हैं। पता चला है कि यहां से कुछ देर तक पुलिस टीम, उन्हें अदालत में पेश कर सकती हैं। पुलिस ड्रग इंस्पेक्टर का रिमांड हासिल कर सकती हैं। पुलिस पता लगाना चाहती हैं कि अब तक कितने लोगों से कथित अपराधी ड्रग इंस्पेक्टर ने रिश्वत ली तथा इन केस में और कौन-कौन लोग शामिल रहें है, ताकि, उन सबको भी इस केस में नामजद किया जा सकें।
रिश्वत लेने में बिल्कुल नहीं डरती थी बबलीन कौर
सूत्रों से पता चला है कि ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर रिश्वत मांगने तथा लेने में कभी गुरेज नहीं किया। इसके लिए रिश्वत के लिए पैसे तय किए जाते थे। रिश्वत के नेटवर्क में ड्रग इंस्पेक्टर सीधे तौर पर नहीं लेती थी। इसके लिए उनके विभाग के कुछ दर्जा चार कर्मचारी लिप्त थे। उनके माध्यम से लाइसेंस जारी करने के एवज में रिश्वत ली जाती रही हैं। कई बार रिश्वत के शिकार लोगों ने इस बाबत विभाग के मुख्यालय , चंडीगढ़ में शिकायत तक की थी। उसके बाद एक जांच टीम बैठाई गई। सबूत मिलने के उपरांत पुलिस के हवाले केस किया गया। जिसके उपरांत आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।