एसएनई नेटवर्क.बटाला.चंडीगढ़।
आबकारी विभाग ने एक कड़ा कदम उठाया हैं। पंजाब के सबसे बड़े शराब कारोबारी की 2 नंबर की शराब (अवैध) तरीके से बरामद किए जाने के उपरांत 5 सितंबर को सभी शराब के ठेके पूर्ण तौर पर बंद रखने का आदेश जारी किया। इस बात की पुष्टि, विभाग के आयुक्त ने की। उन्होंने एक नोटिस भी जारी करते हुए आदेश की पालना सख्त तरीके से करने की हिदायत जारी की। बताया जा रहा है कि उक्त शराब कारोबारी देश की एक राष्ट्रीय पार्टी का नेता भी है। जानकारों के मुताबिक, विभाग द्वारा लिया गया फैसला काफी सराहनीय तथा अच्छा है, इससे अवैध शराब बेचने वालों की बीच एक कड़ा संदेश पहुंचाने की अच्छी कवायत हैं।


बता दें कि, बटाला में लंबे समय से एक शराब कारोबारी अपने राजनीतिक कद की वजह से सरकारी नियमों के खिलाफ जाकर कई बार सरकार को हल्का दिखाने का संकेत दे चुका है। पता चला है कि उक्त कारोबारी की तो प्रदेश के कई विधायक से लेकर सांसद भी मदद करते है, क्योंकि, वह उनके लिए एक ट्रंप कार्ड है।
बटाला शहर में इस समय अवैध शराब का धंधा काफी धड़ल्ले से चल रहा है। इस पर लगाम लगाने के लिए चाहे सरकारी तंत्र कदम तो उठाता हैं, लेकिन राजनीति की वजह से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। पिछले दिनों आबकारी विभाग ने पठानकोट क्षेत्र से बटाला से अवैध तरीके से जा रही 40 पेटी अवैध शराब को बरामद किया। जांच पड़ताल आरंभ हुई तो पता चला कि मामला उक्त बड़े शराब कारोबारी से जुड़ा है। विभाग ने पुलिस की मदद से थाना में मामला दर्ज कर लिया।
मामला, विभाग के उच्च अधिकारियों के पास पहुंचा तो चंडीगढ़ मुख्यालय ने इस पूरे प्रकरण को लेकर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया। अब विभाग ने 5 सितंबर को सभी ठेके बंद रखने का आदेश जारी किया। उधर, विभाग ने सभी ठेकों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग टीम गठित कर दी। पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। ऐसा आदेश विभाग ने काम करने वाली टीमों को जारी किया। हर टीम के साथ पुलिस टीम भी नजर रखेंगी।
दस्तावेज में एक ठेका जारी, लेकिन आगे चल रहे 50
जांच-पड़ताल में एक बड़ी सच्चाई यह भी सामने आई कि उक्त शराब कारोबारी को सरकारी के द्वारा कई जगह एक ठेका जारी किया गया, लेकिन, उक्त लाइसेंस से आगे 50-50 ठेके अलग-अलग जगह चल रहे है। पता चला है कि इस काम में शराब कारोबारी की विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी मदद करते है, क्योंकि, उन्हें प्रतिमाह रिश्वत के तौर पर मोटी रकम चली जाती है। इतना ही नहीं, पिछली प्रदेश सरकार के एक सीएम का खास मंत्री भी इस धंधे का पार्टनर भी है। इस बात का सभी जनता को भली भांति पता है। लेकिन, इस पूरे मामले में किसी विभाग के शीर्ष अधिकारी ने पुष्टि नहीं की।
आयकर विभाग की भी हुई थी रेड
उक्त शराब कारोबारी के कई ठिकानों पर संसदीय चुनाव के दौरान आयकर विभाग की रेड हुई थी। यह मामला, राजनीतिक तौर पर खूब चर्चा में आया था। उस दौरान एक राष्ट्रीय पार्टी ने प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र की सरकार पर जमकर निशाना साधा था, जबकि, जांच पड़ताल में विभाग को कई प्रकार के ठोस सबूत हासिल हुए थे, जिसमें पता लगा था कि इस गोरखधंधे में कई लोग शामिल है तथा सरकार को कैसे तथा किस प्रकार से चपत लगाई गई। फिलहाल, मामले की जांच अब तक लंबित है।
जानें, कैसे खड़ा किया शराब कारोबार
उक्त शराब कारोबारी किसी समय में एक आम शराब बेचने वाला कारिंदा था। धीरे-धीरे इसने राजनीतिक लोगों के साथ अपनी सांठगांठ बनाई। उनके साथ संबंध कायम करने से उक्त कारोबारी को शराब की बड़ा महल खड़ा करने में काफी आसानी हुई। बताया जाता है कि उक्त कारोबारी पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज है, इन सबके बावजूद नेता लोग तथा मंत्री इस कारोबारी की खुल कर मदद करने से भी नहीं पीछे हटते है।
कोविड़-19 में उड़ाई थी पूरी धज्जियां
इस शराब कारोबारी ने कोविड-19 के दौरान नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई थी। सारे बाजार बंद होने के बावजूद अपने शराब के ठेकों को बंद दरवाजे के माध्यम से खोलकर लोगों को शराब परोसी गई। इतना ही नहीं प्रशासन तथा पुलिस को इस बात का सब पता था लेकिन, किसी ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की थी। उल्टा खबर प्रकाशित करने वाले अखबार को पैसे देकर खबर को आगे चलने तक नहीं दिया गया।