SAD STORY–मां-बाप की हर इच्छा पूरी करने का था गुरजीत का स्वप्न….लेकिन, इस हादसे ने तोड़ दिया परिवार

वरिष्ठ पत्रकार.होशियारपुर। 

मां-बाप की हर इच्छा पूरा करने की गुरजीत ने सोचा था जिंदगी में एक स्वप्न, लेकिन यह स्वप्न तब टूट गया जब वह एक हादसे में अपनी जान को गंवा बैठा। पता चला है कि मृतक अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था। छोटी सी आयु में बाप के कंधों का सहारा बन गया। शिक्षा ग्रहण के साथ-साथ खेत में भी उनका हाथ बटवाने लगा। लेकिन, किसी ने सोचा नहीं था कि खेत में ही उसकी जिंदगी का आंतिम दिन होगा। ट्रैक्टर खेत में पलटने से वह उसके नीचे आ गया। चंद मिनट में उसकी सांसे थम गई। यह छोटी सी कहानी जिला होशियारपुर के पास दसूहा के रहने वाले 16 वर्षीय गुरजीत सिंह की। परिवार में मातम का माहौल है। गांव में हादसे की खबर फैलने के उपरांत हर किसी की आंख में सिर्फ आंसू ही शेष दिखाई दे रहे है। मां बार-बार बेहोश होकर वाहेगुरु से यहीं बात कह रही है कि उसने क्या गुनाह कर लिया कि आपने मेरे लाल को मेरे से हमेशा हमेशा के लिए छीन लिया। 

11वीं कक्षा में पढ़ने वाला गुरजीत जीवन के प्रारंभिक पड़ाव से ही काफी होनहार था। शिक्षा से लेकर खेत का काम करने में काफी निपुण रहा। उसने प्रण कर रखा था कि वह अपने मां-बाप के जीवन में सहारा बनकर उन्हें हर खुशी दिलाएगा। कहते है कि दोपहर से स्कूल वापस लौटता था। खाना खाने के बाद अपने खेत में चल जाता था। खेत में खून-पसीना बहाकर कृषि को काफी निखार देता रहा। पिता उसकी काबिलियत से काफी खुश था। उन्हें आशा थी कि बेटा पंजाब में रह कर ही किसान के पेशे को आगे ले जाकर उनका तथा राज्य का नाम रोशन करेंगा। इस बात का तो सारा गांव ही साक्षी है। उनके मुताबिक, गांव में अधिकतर परिवार विदेश में चले गए है। खेत सिर्फ तो सिर्फ प्रवासी लोग ही करते है। पंजाबी परिवार तो कम ही लोग इस पेशे से जुड़े है। 

गुरजीत को जब खेत में काम करते देखते थे हर किसी को इस बात गर्व होता था कि वह कृषि के क्षेत्र से पूरे दिल से जुड़ा है। किसी श्रमिक की मदद के बिना हर कार्य खुद करता था। कभी उसने गर्मी, बारिश, आंधी, ठंड की कभी परवाह नहीं की, हमेशा ही अपने काम में डटा रहता है। वह हमेशा गांव के बड़े छोटे को देख लेता तो उन्हें सत श्री  अकाल कह कर बुलाता था। गांव में हर कोई उसे प्यार करता था। लेकिन, आज हम सब के बीच नहीं रहा तो ऐसा लगता है कि हमारे परिवार का सदस्य कम हो गया। उधर, मां-बाप को संवेदना देने के लिए हर कोई उनके पास पहुंचा। लेकिन, परिवार से गुरजीत के चले जाने से उनकी दुनिया एकदम खत्म हो चुकी है।

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