आदित्य बख्शी.होशियारपुर।

केंद्रीय जेल होशियारपुर में सरेआम नशा तस्करी का रैकेट चल रहा था। इस नेटवर्क कोई अन्य नहीं बल्कि जेल अधीक्षक ही चला रहा था। इस बात का खुलासा विभाग की टीम द्वारा की गई जांच पड़ताल में हुआ। जेल अधीक्षक बलजीत सिंह घुम्मन को नौकरी से निलंबित कर दिया गया। यह आदेश डीजीपी (जेल विभाग) ने जारी किया। इस चिट्ठी ने एक बड़ा सवाल हर किसी के जहन में छोड़ दिया है कि यह गोरखधंधा कितने समय से चल रहा था तथा इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे।
..जानिए, कैसे हुआ खुलासा
दरअसल, पिछले दिनों जेल में 2 पक्ष के हवालाती आपस में भिड़ गए थे। उन्होंने इस झगड़े के पीछे केंद्रीय जेल के अधीक्षक का नाम लगाया था। उन्होंने आरोप लगाए थे कि जेल में नशा से लेकर आपराधिक गतिविधियों के पीछे जेल अधीक्षक का हाथ है। मामला, चंडीगढ़ जेल विभाग निदेशक के पास पहुंचा।
उन्होंने इस मामले पर कड़ा संज्ञान लिया। जांच पड़ताल के लिए एक ईमानदार टीम को गठित किया। उन्होंने जब जांच पड़ताल आरंभ की तो बहुत बड़ा खुलासा हुआ। इसमें पता चला कि जेल अधीक्षक ही जेल में नशे तथा गैर कानूनी काम को अंजाम देता है। सभी केस से जुड़े तथ्य को डीजीपी जेल के समक्ष पेश किए। 6 मार्च को विभाग की तरफ से एक पत्र जारी कर दिया गया है। पत्र में लिखा गया है जेल अधीक्षक बलजीत सिंह घुम्मन को तत्काल नौकरी से निलंबित किया जाता है।