नितिन धवन/शम्मी शर्मा/विकास कोड़ा/कपूरथला टीम।
पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने चुनाव दौरान अपने सहयोगियों पर संगीन आरोप लगाकर गंदी राजनीति का परिचय दे दिया। मामला पंजाब के विधानसभा क्षेत्र के भुलत्थ क्षेत्र के कांग्रेसी उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैहरा के साथ जुड़ा है।
पटियाला जेल से छूटने के उपरांत सुखपाल खैहरा ने मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर बरसते हुए साफतौर पर कहा कि वह घपलेबाज-हंकारी तथा एक नंबर के दागी नेता है। पिता सुखजिंदर सिंह खालिस्तानी थे। आरोप लगाए कि उनकी वजह से पंजाब में 25 हजार बेकसूर युवा मरे थे। राणा बाहरी नेता है। यह बयान ठीक राणा गुरजीत सिंह द्वारा अपने बेटे को कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय खड़ा करने के बाद आया है। फिलहाल , राणा ने इन संगीन आरोप पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया। जबकि, इस प्रकार के बयान सामने आने पर कांग्रेस की पूरी किरकिरी हो रही है।
विधानसभा क्षेत्र भुलत्थ पहुंचने पर सुखपाल सिंह खैहरा का आम-जनता ने पूरा स्वागत किया गया। जबकि, कोविड-19 के चलते चुनाव निर्वाचन आयोग की पाबंदियों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई। किसी ने मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिग का ध्यान नहीं रखा। इससे एक बात साफ साबित हो जाती है कि खैहरा जैसे नेताओं को किसी कानून या नियमों की कोई परवाह नहीं है।
भाजपा से डरते राणा
खैहरा ने कहा कि गुरजीत राणा भाजपा से बहुत ज्यादा डरते है। क्योंकि, उनकी शुगर मिल यूपी में स्थित है। वहां पर शासन भाजपा का है। उन्हें मालूम है कि अगर भाजपा के खिलाफ कुछ बोला तो सीधे तौर पर उनकी शुगर मिल पर आंच आ सकती है। इसलिए चुप रहकर वे बेहतरी का प्रावधान समझते है। कोई बात नहीं पार्टी सब कुछ देख रही है कि अगर पार्टी ने राणा के खिलाफ कुछ किया तो वे कहीं के भी नहीं रहेगे।
अभी किसी मामले में नहीं मिली क्लीन चिट
खैहरा ने कहा कि राणा गुरजीत पर घूस लेने तथा खड्ढ में संगीन आरोप लग चुके है। सिंचाई विभाग को करोड़ों का चूना लगाने वाले भूपिंदर नामक अपराधी से पांच करोड़ रुपए घूस लेने के राणा पर आरोप लगे थे। इसके बाद खड्ढ़ मामले में उनके नौकर के खाता में भारी भरकम पैसा मिला था। इन सब मामलों को लेकर राणा गुरजीत को कोई क्लीन चिट नहीं मिली है।