PUNJAB BREAKING………JCT MILL OWNER पर CASE..गोली चलाने का लगा आरोप

वरिष्ठ पत्रकार.फगवाड़ा (कपूरथला)। 

पुलिस ने जेसीटी मिल के निदेशक समीर थापर के खिलाफ 27 अक्टूबर की रात को प्रदर्शनकारी कर्मचारियों पर कथित तौर पर गोली चलाने का मामला दर्ज किया है। हालांकि पहले पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बात नहीं बताई थी, लेकिन अब उन्होंने शायद कर्मचारियों के गुस्से को भांपते हुए इसे सार्वजनिक कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि फगवाड़ा सिटी पुलिस के एएसआई जसवंत सिंह की शिकायत पर 28 अक्टूबर को सुबह 1.17 बजे बीएनएस की धारा 125 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत थापर के खिलाफ एफआईआर नंबर 238 दर्ज की गई थी।


एफआईआर की कॉपी के अनुसार, शिकायतकर्ता एएसआई ने कहा कि 27 अक्टूबर की देर रात जेसीटी कर्मचारियों के शोरगुल वाले प्रदर्शन के दौरान थापर ने गोली चलाई थी, जो शायद आत्मरक्षा में की गई थी। बताया जाता है कि फायरिंग की घटना के बाद भी थापर कुछ दिनों तक फगवाड़ा में जेसीटी गेस्ट हाउस में रुके थे, क्योंकि जेसीटी कर्मचारियों ने 27 अक्टूबर की रात से ही थापर के आवास का घेराव कर रखा था और बाहर शोरगुल मचाया हुआ था। इसके बाद से ही गुस्साएं कर्मचारी मिल के निदेशक थापर और मधुलिका सिन्हा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में चुप्पी साध रखी थी और थापर के फगवाड़ा से चले जाने तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।


इस मामले पर कई सवाल उठ रहे हैं। मिल यूनियन के नेता अजय यादव और सुनील पांडे पूछ रहे हैं कि, “पुलिस ने थापर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात अब तक क्यों छिपाई? क्या पुलिस थापर के भागने का इंतजार कर रही थी?”


गौरतलब है कि भविष्य निधि अनियमितताओं में निदेशक थापर और सिन्हा के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 और 409 के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई है। फगवाड़ा के डीएसपी भारत भूषण ने कहा कि दोनों मामलों में जांच जारी है।


27 अक्टूबर की रात को जेसीटी कॉलोनी में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी, जब जेसीटी मिल फगवाड़ा के करीब 200 गुस्साए कर्मचारियों ने पिछले छह महीने से लंबित वेतन, भत्ते, बोनस और अन्य बकाया राशि का भुगतान न किए जाने के विरोध में दोनों निदेशकों के आवास का घेराव किया था।


प्रदर्शनकारी पीएफ और ईएसआई धोखाधड़ी के आरोप में दोनों निदेशकों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। इस बीच, कथित पीएफ अनियमितताओं में मिल निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रदर्शनकारियों का यह भी आरोप है कि थापर मिल की मशीनरी बेचने की कोशिश कर रहे थे और भागने की फिराक में थे।

100% LikesVS
0% Dislikes