चार एजेंट के साथ मिलकर पूर्व बैंक मैनेजर ने मारी 3.20 करोड़ की ठगी की

अशिक्षित लोगों को केंद्र सरकार की योजना के तहत 25 हजार रुपये का लोन दिलाने का झांसा दिया, बताया लोन वापिस नहीं करना


एसएनई न्यूज़.लुधियाना। 

लिंक रोड स्थित एसबीआई बैंक के पूर्व मैनेजर ने चार एजेंट के साथ मिलकर 3.20 करोड़ की ठगी की। अशिक्षित लोगों को केंद्र सरकार की योजना के तहत 25 हजार रुपये का लोन दिलाने का झांसा दिया गया। उन्हें बताया गया कि यह लोन वापस नहीं करना है। 


इस झांसे में आकर 65 लोगों ने अपने जरूरी दस्तावेज इन्हें सौंप दिए। इन दस्तावेज के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति के नाम पर बैंक से 4.50 से पांच लाख रुपये लोन लिया गया। इन सभी लोगों के सैलरी दस्तावेज जाली तरीके से तैयार किए गए। इनमें 24 लोगों को नगर निगम का सफाई सेवक बताया गया, जबकि 18 लोगों को सीएमसी अस्पताल में कर्मचारी बताया गया। अन्य को कई प्राइवेट फर्म का मुलाजिम दिखाया गया। 


थाना मोती नगर पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद बैंक के पूर्व मैनेजर राजेश कुमार निवासी एचआईजी फ्लैट बीआरएस नगर लुधियाना, सतजोत नगर निवासी अरुण कुमार, अंकुश कुमार, साहनेवाल निवासी अमरजीत सिंह खालसा व जनता नगर निवासी हरीश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। 

ठगी वर्ष 2018-20 के बीच हुई


पुलिस उनकी तलाश में छापे मार रही है। एसबीआई बैंक मैनेजर अभिषेक कुमार ने पुलिस को शिकायत दी है कि उनके बैंक में लोन के नाम पर लगभग 3.20 करोड़ की ठगी हुई है। पुलिस ने जांच शुरू की तो खुलासा हुआ कि राजेश कुमार लुधियाना के लिंक रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 16 जुलाई 2018 से जून 2020 तक मैनेजर था। इस दौरान एजेंट अरुण कुमार, अंकुश कुमार, अमरजीत सिंह खालसा व हरीश कुमार ने 65 लोगों के नाम पर लगभग 3.20 करोड़ रुपये का लोन जारी करवाया था। पुलिस ने जब लोन लेने वालों से पूछताछ शुरू की तो खुलासा हुआ कि इसमें 24 नगर निगम के सफाई सेवक और सीएमसी अस्पताल के 18 मुलाजिमों के सैलरी सर्टिफिकेट के आधार पर लोन जारी किया गया। 


जांच-पड़ताल नहीं है सफाई कर्मचारी


नगर निगम से जांच करने पर पता चला कि इन नाम से कोई सफाई सेवक उनके यहां काम नहीं करता है, जिस सैलरी सर्टिफिकेट पर साइन दिखाए गए हैं, वह भी जाली हैं। जब पुलिस लोन लेने वाले लोगों के पास पहुंची तो खुलासा हुआ कि उन्हें एजेंट ने झांसा दिया था कि केंद्र सरकार की योजना के तहत 25 से 30 हजार रुपये लोन मिल रहा है। 

पैसा चेक के माध्यम से निकलवा लिया


इसको लौटाना भी नहीं होगा। इस वजह से उन्होंने अपने पैन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज उन्हें सौंप दिए। लोन का पैसा उनके खाते में आया लेकिन उक्त आरोपियों ने पैसे आते ही चेक के माध्यम से निकलवा लिया था, उन्हें सिर्फ 25 हजार रुपये दिए गए हैं। जब बैंक ने लोन का पैसा मांगना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हो चुकी है।

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