एसएनई न्यूज़.लुधियाना।
किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने के बाद देश की आजादी को लेकर दिए बयान पर अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर से विवादों में घिर चुकी हैं। लुधियाना से कांग्रेसी नेता परमिंदर मेहता ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत देकर अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं केंद्र सरकार से रनौत को दिए गए पद्मश्री पुरस्कार को वापस लेने की भी मांग की है। वहीं सीपीआई ने कंगना के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते भाजपा को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।
कांग्रेसी नेता परमिंदर मेहता ने बताया कि कंगना पहले भी इस तरह के गलत बयानबाजी करती आ रही है। किसान आंदोलन में शामिल होने वाली बुजुर्ग महिला पर ऐसी टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनका सभी जगह विरोध हुआ था। हैरानीजनक बात है कि इस तरह की बयान पर केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई। अब देश की आजादी पर इस तरह की टिप्पणी कर उन्होंने पूरे देश वासियों के भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
एक सोची समझी साजिश के तहत दिया बयान
मेहता ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, लाला लाजपत राय, भगत सिंह जैसे असंख्य देशभक्तों ने यह आजादी दिलाई है। आजादी की जंग में 90 प्रतिशत शहीद पंजाब से हैं। एक सोची समझी साजिश के तहत यह बयान देकर पंजाबियों की भावनाओं को चोट पहुंचाई गई है। कंगना ने देश व पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश है। इसलिए उन्होंने पुलिस कमिश्नर को पत्र देकर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
पद्मश्री पुरस्कार को वापस लें केंद्र सरकार, भाजपा करें अपना पक्ष साफ
वहीं सीपीआई नेता डॉक्टर अरुण मित्रा ने कहा कि कंगना ने कहा कि देश को आजादी भीख में मिली है, इस पर भाजपा को अपना पक्ष साफ करना चाहिए। बड़े दुख की बात है कि कंगना के बयान पर अभी तक देश के प्रधानमंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे साफ जाहिर होता है कि वह उनके बयान से सहमत है। कंगना के बयान से देश की आजादी के लिए अपना प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों का अपमान हुआ है। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि उनसे तुरंत पद्मश्री पुरस्कार को वापस लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए।