नितिन धवन. लुधियाना/चंडीगढ़।
लोक इंसाफ पार्टी के संयोजक सिमरजीत सिंह बैंस को स्थानीय अदालत ने दुष्कर्म मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया। बैंस समेत सात को इस मामले में भगोड़ा घोषित किया गया। इन पर आरोप है कि महिला के साथ दुष्कर्म किया था। इसमें उसके छह लोगों ने साजिश में साथ दिया था। इससे पूर्व अदालत गैर जमानती वारंट जारी कर चुकी थी। इसे बैंस ने काफी हलका लिया। परिणामस्वरुप अदालत ने देखा कि अपराधी ने उनके आदेश की तौहीन की, इसलिए उसे अदालत से भगोड़ा घोषित कर दिया।
अब देखना होगा कि भैंस को इस मामले में जमानत मिल पाती है या फिर उन्हें अपने साथ इस साजिश में शामिल कथित अपराधियों को जेल की हवा खानी पड़ती है। फिलहाल, इस मामले को लेकर बैंस तथा उनकी पार्टी की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आई। एक बात तो तय हो चुकी है कि भैंस की अब कानूनी तौर पर आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ने वाली है ना कि आसान होने वाली है।
दरअसल, कुछ समय पूर्व महिला ने पुलिस कमिश्नर के समक्ष लिखित रूप में बैंस तथा उसके साथ अन्य छह के खिलाफ दुष्कर्म का संगीन आरोप लगा कर जांच में आरोप साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। जबकि, महिला को पुलिस के समक्ष कोई इंसाफ नहीं मिला तो उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इंसाफ हासिल करने के लिए अदालत का सहारा लिया।
अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए , पुलिस को बैंस समेत कुल छह के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी किया। अदालत में चालान पेश होने के बाद एक बार भी बैंस पेश नहीं हुए। पहले जमानती वारंट फिर गैर जमानती वारंट के उपरांत ही अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि सिमरजीत सिंह बैंस विधानसभा हलका आत्मा नगर से हमेशा ही चुनाव लड़ते है। इस बार भी वहां से चुनाव लड़ने वाले थे, जबकि इस मामले को लेकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है तथा विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति करने का अवसर भी मिल चुका है।