एसएनई नेटवर्क.लुधियाना।
लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस में शनिवार की सुबह उस समय अफरा तफरी मच गई, जब जसपाल बांगड़ स्थित फैक्टरी में लूट और हत्या के मामले में गिरफ्तार एक आरोपी ने सीआईए स्टाफ वन की हवालात में फंदा लगाकर जान दे दी। घटना का पता सुबह करीब पांच बजे लगा जब उसका एक साथी नींद से जागा। उसने शव लटकता देख शोर मचाया। मुलाजिमों ने जब तक आरोपी जितेंद्र कुमार उर्फ छोटू को नीचे उतारा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर डॉ. कौस्तुभ शर्मा के साथ साथ सीनियर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और कोहाड़ा के पास स्थित गांव धरौड़ के रहने वाले जितेंद्र के परिवार वालों को इसकी जानकारी दी। परिवार वाले पहले सिविल अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने काफी हंगामा किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कर शव को लटकाया है ताकि उसे आत्महत्या में तब्दील किया जाए। किसी तरह से पुलिस ने उन्हें शांत किया और अधिकारियों के सामने पेश किया। अधिकारियों ने इस मामले की पूरी जांच का आश्वासन दिया।
आरोपियों ने चला दी थी गोलियां
जसपाल बांगड़ स्थित एक फैक्टरी में लूट की नीयत से कुछ लोग दीवार फांद कर दाखिल हो गए थे। जब फैक्टरी के वर्कर और मालिक का भतीजा खटखटाने की आवाज सुन लुटेरों की तरफ भागे तो आरोपियों ने गोलियां चला दी। इस दौरान एक गोली वहां काम करने वाले कर्मचारी को लग गई और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जांच के बाद गांव धरौड़ के रहने वाले जितेंद्र कुमार उर्फ छोटू और उसके साथी परमजीत को काबू कर लिया। दो दिन के पुलिस रिमांड पर लेने के बाद शुक्रवार को दोनों को दोबारा पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था। जिसके बाद उन्हें सीआईए वन में रखा गया था। जहां देर रात को करीब तीन बजे उसने फंदा लगाकर आत्महत्या की। जब सुबह परमजीत ने देखा तो उसने शोर मचा इसकी जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस के दिए कंबल को फाड़ कर लिया रस्सी का काम
पुलिस कमिश्नर डॉ. कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि मेडिकल जांच कराने के बाद दोनों को सीआईए लाया गया था। जहां रात को अचानक से जितेंद्र ने कहा कि उसे ठंड लग रही है और उसे एक कंबल दिया जाए। देर रात को भी वह परमजीत के साथ बातें करता रहा और इधर उधर टहलता रहा। सीपी डॉ. कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि देर रात करीब तीन बजे परमजीत सो गया तो हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी जितेंद्र ने पुलिस द्वारा दिए कंबल का एक टुकड़ा काट कर उसे रस्सी के तौर पर इस्तेमाल किया और हवालात में लगी ग्रिल से फंदा लगा आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि यह कस्टडी में मौत हुई है तो इस मामले में ज्यूडिशियल जांच की जाएगी। पोस्टमार्टम के दौरान बोर्ड भी बैठेगा और वीडियोग्राफी भी होगी। बाकी उसके बाद जो कार्रवाई बनती होगी उसे किया जाएगा।
पत्नी का आरोप-पुलिस ने हत्या कर शव को लटकाया
मृतक जितेंद्र कुमार की पत्नी रेशमा ने बताया कि वह मूल रूप से हरियाणा के घरौंडा इलाके का रहने वाला था। मगर पिछले काफी समय से परिवार लुधियाना में रह रहा है। उसकी शादी को दस साल हो चुके है और तीन बच्चे है। जिनमें से दो लड़कियां और एक लड़का हैं। रेशमा ने बताया कि उसके पति को झूठे केस में फंसाया गया है। रेशमा ने आरोप लगाया कि रिमांड के दौरान पुलिस मुलाजिमों ने जितेंद्र के साथ मारपीट की और उसे टार्चर किया। पुलिस द्वारा मारपीट और टार्चर के कारण उसके पति की मौत हो गई। रेशमा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ही उसके पति की हत्या की है अब खुद को बचाने के लिए पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है। परिवार को एक बार भी उससे मिलने नहीं दिया गया। रोते हुए रेशमा बिलख रही थी कि अब वह बच्चों के पिता को कहां से लाएगी। बच्चों को क्या जवाब दे।
मिलने की कोशिश की, लेकिन नहीं मिलने दिया
जितेंद्र की मां कौशल्या ने बताया कि उन्हें तो पता ही नहीं चला कि जितेंद्र को पुलिस ने कब कहां से गिरफ्तार किया। जब उन्हें पता चला तो वह गांव के कुछ लोगों के साथ जितेंद्र से मिलने की कोशिश में लुधियाना पहुंचे थे, लेकिन किसी ने भी उन्हें जितेंद्र से मिलने नहीं दिया। उनका बेटा बेकसूर था। पहले उसका काम धंधा काफी कम हो गया था और वह किस्त भरने में भी असमर्थ था, लेकिन अब उसके पास रोजाना गाड़ी का गेड़ा आ रहा था और काम अच्छा चल रहा था। उसके बेटे को झूठा फंसाया गया है और अब उसकी हत्या कर दी गई और मामले को आत्महत्या में तब्दील किया जा रहा है। परिवार वालों ने कहा कि इस पूरे मामले की अच्छे तरीके से और निष्पक्ष जांच हो ताकि सच्चाई सामने आ सके।