पिता की रोज-रोज की धमकी से परेशान था हत्यारा बेटा, इसलिए रास्ते से हटाने के लिए दिया वारदात को अंजाम
एसएनई नेटवर्क.लुधियाना। पंजाब के लुधियाना में वायु सेना के रिटायर्ड अधिकारी भूपिंदर सिंह और उनकी पत्नी सुष्पिंदर कौर की हत्या का राज खुल गया है। सच्चाई जान हर कोई हैरान है। बुजुर्ग दंपती की हत्या किसी रंजिश की वजह से नहीं बल्कि उनके बेटे ने जायदाद की खातिर करवाई है। आरोपी ने ढाई लाख रुपये की सुपारी देकर इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिलवाया। हैरानी की बात यह है कि आरोपियों को घर के अंदर भी बेटे ने ही आने दिया। हत्यारों ने वारदात को अंजाम देने के लिए करीब एक घंटे तक छत पर इंतजार किया। जैसे ही भूपिंदर सिंह जागे तो आरोपियों ने एकदम से हमला कर दिया। जब उनकी पत्नी यह देख सक्रिय हुईं तो आरोपियों ने उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया और जाते वक्त भूपिंदर की जेब में पड़े पैसे, सोने की अंगूठी और सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर ले गए।
पुलिस कमिश्नर डॉ. कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि भूपिंदर सिंह वायु सेना से रिटायर्ड थे और इसके बाद अपना स्कूल चला रहे थे। वह सारा नियंत्रण अपने हाथ में रखते थे। बेटे को 10 हजार रुपये महीने का खर्च तो हरमीत की पत्नी को साढ़े आठ हजार रुपये देते थे। इसके अलावा भूपिंदर सिंह प्लाट लेकर घर बनाकर भी बेचने का काम शुरू कर चुके थे। इस कारण पिता-पुत्र में काफी मनमुटाव बढ़ गया। अक्सर दोनों में बहस बाजी होती थी। पिता की रोज-रोज की धमकी से हरमीत काफी परेशान था और उसने पिता को ही रास्ते से हटाने की योजना बनानी शुरू कर दी।
स्कूल का नियंत्रण पिता अपने हाथ में रखता था
पुलिस कमिश्नर डॉ. कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि भूपिंदर सिंह वायु सेना से रिटायर्ड थे और इसके बाद अपना स्कूल चला रहे थे। वह सारा नियंत्रण अपने हाथ में रखते थे। बेटे को हजार रुपये महीने का खर्च तो हरमीत की पत्नी को साढ़े आठ हजार रुपये देते थे। इसके अलावा भूपिंदर सिंह प्लाट लेकर घर बनाकर भी बेचने का काम शुरू कर चुके थे। इस कारण पिता-पुत्र में काफी मनमुटाव बढ़ गया। अक्सर दोनों में बहस बाजी होती थी। पिता की रोज-रोज की धमकी से हरमीत काफी परेशान था और उसने पिता को ही रास्ते से हटाने की योजना बनानी शुरू कर दी।
पिता थे पहला टारगेट, विरोध के कारण मां को भी मारा
सीपी कौस्तुभ शर्मा ने बताया कि हरमीत सिंह ने आरोपियों को सीधे बोल रखा था कि उसके पिता भूपिंदर सिंह को ही मौत के घाट उतारना है। प्लानिंग के तहत आरोपी साढ़े तीन बजे के करीब घर के बाहर पहुंचे और गेट खुलवाया गया। उसके बाद आरोपियों को हरमीत ने ही गेट खोला और ऊपर भेज दिया।
भूपिंदर सिंह और उनकी पत्नी करीब साढ़े चार बजे नींद से जागते थे और नहा धोकर अपना नितनेम करते थे। वारदात के दिन भी आरोपी ऊपर गए तो एक घंटा उन्हें छत पर ही इंतजार करना पड़ा। उसके बाद भूपिंदर सिंह जागे तो आरोपियों ने गला दबाकर हत्या कर दी। जब सुष्पिंदर कौर शोर मचाने लगी तो आरोपियों ने उनका भी मुंह बंद कर उसे भी मौत के घाट उतार दिया। आरोपी वहां से डीवीआर लेकर फरार हो गए। इसके बाद आरोपी हरमीत ने ड्रामा रचा और शोर मचाया।