2 हजार करोड़ का लुधियाना परिवहन निविदा घोटाला…… 2 डीएफएससी (बड़े बाबू) गिरफ्तार…… 2 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा, अब उगलेंगे बड़ा राज

एसएनई नेटवर्क.लुधियाना। 

पंजाब सतर्कता ब्यूरो (विजिलेंस ब्यूरो) के हाथ मंगलवार की देर संध्या बड़ी सफलता हासिल हुई। लुधियाना परिवहन निविदा घोटाला में लिप्त 2 बड़े बाबू, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी)  गिरफ्त में आए। उधर,   पंजाब सतर्कता ब्यूरो (विजिलेंस ब्यूरो) ने फरार चल रहे पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) आरके सिंगला, पंकज कुमार उर्फ मीनू मल्होत्रा और इंद्रजीत सिंह उर्फ इंदी को भगौड़ा घोषित कराने के लिए न्यायालय की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। गिरफ्तार वर्तमान में खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) लुधियाना पश्चिमी एवं वर्तमान (डीएफएससी) लुधियाना पूर्वी  हरवीन कौर को विजिलेंस ब्यूरो ने स्पेशल न्यायालय में पेश कर दिया। अदालत ने विजिलेंस ब्यूरो की दलील पर 2 दिन की न्यायिक हिरासत को स्वीकृति कर लिया। 


पीए मीनू मल्होत्रा के थे दोनों खास
चर्चा है कि गिरफ्तार किए गए दोनों डीएफएससी खुद को आशू का पीए बताने वाले मीनू मल्होत्रा की हर मांग को पूरी करते रहे हैं। मीनू मल्होत्रा का कोई काम फूड सिविल सप्लाई दफ्तर लुधियाना और जगराओं में रुकता नहीं था।
सूत्रों के मुताबिक, आए दिन फूड सिविल सप्लाई के अधिकारियों से मीनू मल्होत्रा कोई न कोई डिमांड करता रहता था। बताया जा रहा है कि शहर में यदि कहीं कोई सामाजिक कार्य जैसे शॉल, स्वेटर या अन्य कोई सामान लोगों को बांटना होता था तो इन्हीं अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाती थी। यही अधिकारी पूरा इंतजाम करते थे। फूड सिविल सप्लाई लुधियाना के अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में उसकी हर तरह डिमांड पूरी करते रहे।


यह वजह रही चर्चा की
बताया जा रहा है कि कोविड काल के दौरान मुल्लांपुर में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपना वोट बैंक पक्का करने के लिए काफी राशन इन्हीं अधिकारियों की जेबों से निकलवाया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, मुल्लांपुर उप-चुनाव में कुछ अधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी के लिए फंड जुटा कर दिया था। इसी वजह से यह अधिकारी आम आदमी पार्टी की नजरों में भी थे।
लुधियाना में फूड सिविल सप्लाई के पंजाब स्तर के समारोह का आयोजन (पीएयू) में किया गया था। उस समारोह का भी सारा खर्च इन्हीं अधिकारियों ने एकत्र करके किया था। उस समारोह में करीब 7 से 8 लाख रुपए खर्च आया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, डीएफएससी ने कांग्रेस कार्यकाल में शहर के ही एक विधायक के बेटे की शादी में करीब अढ़ाई लाख रुपए का राशन पहुंचाया था।


मीनू का ही घोटाले में मुख्य भूमिका
विजिलेंस की अभी तक की जांच में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू के पीए मीनू मल्होत्रा की घोटाले में सबसे अहम भूमिका रही है। टेंडर के लिए ट्रेडर्स को ढूंढने से लेकर रेट तय करने तक का सारा काम मीनू ही करता था। डील फाइनल हो जाने के बाद पैसों का लेन-देन भी मीनू ही करता। अधिकारियों से लेकर नेताओं तक हिस्सा पहुंचाने का काम उसी का था। उधर, पंजाब कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप बार-बार एक ही सुर अलाप रही है कि मीनू मल्होत्रा आशू का पीए है ही नहीं।

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