LUDHIANA GAS LEAK–एसआईटी के हाथ कौन सा लगा बड़ा सबूत…..किन-किन की लापरवाही आई सामने…किस वजह से टल सकता था बड़ा हादसा, जानें…..

एसएनई नेटवर्क.लुधियाना। 

लुधियाना गैस लीक हादसे के मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। जांच-पड़ताल में कई बड़े अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। शायद, समय रहते कोई बड़ा कदम उठा लिया होता तो इतना बड़ा हादसा टल सकता था। डीसीपी इन्वेस्टिगेशन हरमीत सिंह हुंदल की अगुवाई में एडीसीपी वैभव सहगल और इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह बोपाराय की प्राथमिक जांच में यह सब बातें सामने निकल कर सामने आ रही है। अधिकारियों ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद फैक्ट्रियों में जाकर मालिकों से पूछताछ तथा गहनता से हर पहलू पर जांच आरंभ कर दी।


इन थ्योरियों पर काम शुरु 


अभी तक इस बात की जांच की जा रही है कि जो केमिकल सीवरेज लाइन में पाया गया वैसा केमिकल किन-किन फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होता है। इसके लिए एसआईटी कई थ्योरियों पर काम कर रही है। वहीं, तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि सीवरेज लाइन में केमिकल कहां से डाला गया। एनडीआरएफ की टीम पहले ही अपनी रिपोर्ट में साफ कर चुकी है कि हाइड्रोजन सल्फाइड गैस के कारण सीवरेज लाइन में ब्लास्ट हुआ और यह हवा में फैल गई।


इतने दिन में आ सकती है मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट


डीसी सुरभि मलिक ने बताया कि गैस हादसे के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच पर काम चल रहा है। जांच टीम को दो से तीन और दिए गए हैं, ताकि वे सभी एंगल ठीक से खंगाल लें।


सीवरेज सिस्टम साफ करवाने में जुटा नगर निगम


लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में गैस लीकेज होने के बाद नगर निगम भी हरकत में आ गया है। निगम प्रशासन ने इलाके के सीवरेज साफ कराने के आदेश जारी किए हैं। मंगलवार को इलाके में सफाई अभियान छेड़ा गया। इलाके के लोगों का कहना है कि सीवरेज जाम की समस्या इस एरिया में काफी समय से है।


कई बार अधिकारियों को बोला गया लेकिन प्रवासी मजदूरों की शिकायतों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। इसका खामियाजा 11 लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। मंगलवार को इलाके में छोटी मशीन लेकर टीमें सीवरेज की सफाई करने में जुटी रहीं। लोगों ने कहा कि अगर यह सफाई पहले होती तो शायद हादसा ही नहीं होता।


यह बड़ी बात आई सामने

इलाके में फैक्ट्री मालिक हरिओम ने बताया कि किसी भी सरकार ने 43 साल में कोई फोकल प्वाइंट नहीं बनाया। इलाके का सीवरेज सिस्टम काफी समय से खराब चल रहा है। हल्की सी बारिश होती है तो सीवरेज जाम हो जाता है। सीवरेज सफाई के लिए कई बार कहा गया लेकिन नगर निगम की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इलाके में सीवरेज सिस्टम ही जाम है तो क्या होगा। कई सीवरेज पर न तो ढक्कन है और न ही सड़कों पर किसी तरह की जाली लगी है।

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