SNE NETWORK.LUDHIANA.
वरिष्ठ पत्रकार.लुधियाना।
जिला न्यायालय ने 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामला अपहरण और फिरौती से जुड़ा है। दोषियों में फैशन डिजाइनर भी है। इन सब पर आरोप साबित हुआ कि उद्योगपति के बेटे का अपहरण कर रंगदारी मांगी थी। बताया जा रहा है कि 10 साल बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला। फिरौती मांगने के मामले में आखिरकार 10 साल बाद परिवार को इंसाफ मिला। इस मामले में फैशन डिजाइनर समेत सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा व 2-2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
इन-इन को मिली सज़ा
अदालत ने इस मामले में पक्खोवाल रोड स्थित न्यू लाजपत नगर इलाके में रहने वाली फैशन डिजाइनर दीपाली बस्सी, गिल रोड निवासी गुरु अर्पण चौहान, अंबेडकर नगर निवासी सोनू चौरसिया, साहिल चंदेल, टोनी, हिम्मत सिंह और अमित कुमार को सजा सुनाई है, जबकि इस मामले में नामजद आरोपी धर्मा और सरबजीत की मौत हो चुकी है। जबकि इस मामले में अदालत ने अमनदीप सिंह, बाला जी, परमिंदर सिंह और गोपाल कृष्ण को बरी कर दिया है।
जानें, क्या था पूरा मामला
बता दें कि दोराहा स्थित न्यूकॉन ट्रांसफार्मर कंपनी के मालिक मनीष अरोड़ा 13 जुलाई, 2013 की शाम अपने ड्राइवर हेमराज के साथ कार में फैक्ट्री से घर जा रहे थे कि रास्ते में मल्लीपुर फ्लाईओवर के पास उनकी कार के आगे 2 बदमाश कार में आकर रुके। बदमाशों ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। कार रोकने के बाद आरोपियों ने कार में अफीम के पैकेट रखे और उसे अगवा कर लिया। बाद में पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस जांच में पता चला कि इस वारदात के पीछे लुधियाना के गिल रोड पर स्थित एक ऑयल कंपनी के मालिक का बेटा गुरु अर्पण सिंह और जालंधर बाईपास के पास स्थित एग्रो कंपनी के मालिक की बेटी दीपाली बस्सी मास्टरमाइंड थे, जिन्होंने जल्द अमीर बनने के चक्कर में मनीष का अपहरण कर फिरौती वसूली।