वरिष्ठ पत्रकार.श्री मुक्तसर साहिब।
भाई ये कैसी सेवा है सुखबीर बादल जी, चारों तरफ तो वीआईपी सुरक्षा ने उन्हें घेर रखा था। यह दृश्य श्री मुक्तसर साहिब के गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब का था। बादल को श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सुनाई गई सजा का यह 5वां पड़ाव था। बताया जा रहा है कि बादल को यहां पर 2 दिन का सेवा करने हुक्म जारी किया गया। इस दौरान वे हाथों में बरछा पकड़कर द्वारपाल बने गुरुद्वारा साहिब के मुख्य द्वार पर पहरा देते नजर आए। वे गुरुद्वारा साहिब के लंगर हॉल में बर्तन साफ करने की सेवा भी करेंगे।
सेवा के दौरान सुखबीर बादल ने नीला चोला पहना हुआ था और गले में गुरबाणी की तुक लिखी तख्ती लटकाई हुई है। उधर, सुखबीर बादल की सुरक्षा के मद्देनजर गुरुद्वारा साहिब में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है। सुखबीर ने सुबह नौ बजे पहरेदार के रूप में सेवा प्रारंभ की और 10 बजे तक ये सेवा निभाई। इसके बाद वे कीर्तन श्रवण करने के लिए पहुंचे तथा लंगर हॉल में बर्तन साफ करने की सेवा निभा रहे है।