वरिष्ठ पत्रकार.श्री मुक्तसर साहिब।



यहां की पुलिस की एक शर्मनाक करतूत सामने आई। एक अधिवक्ता के मुंह में गुप्तांग डालने तथा सेक्सूयल हैरेसमेंट के संगीन आरोप लगे। मामला, पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब से जुड़ा हैं। स्थानीय अदालत ने जांच के आदेश जारी कर दिए। आरोप साबित होने पर एक एसपी रैंक के अधिकारी, डीएसपी सहित अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए बोला गया।
पिछले दिनों एक युवक पर नशा बेचने के संगीन आरोप लगे। उसे तथा एक अधिवक्ता को सीआईए स्टाफ पुलिस उठाकर ले गई। हिरासत दौरान उनके मुंह में गुप्तांग डालने तथा सेक्सूयल हैरेसमेंट का आरोप लगा। मामला, एक अधिवक्ता से जुड़ा था, इसलिए बात बार एसोसिएशन समक्ष पहुंच गई। पुलिस के खिलाफ स्थानीय अदालत में अपील की गई। अदालत ने मामले को काफी गंभीरता से लिया। बोला कि मामला काफी गंभीर है। ऐसे कैसे पुलिस किसी के साथ ऐसा कर सकती हैं। मानव अधिकार के खिलाफ किसी को जाने का कानून अधिकार नहीं देता।
अदालत ने तत्काल 2 उच्च अधिकारियों सहित लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस विभाग को जांच करने के आदेश जारी कर दिए। अदालत ने यह बात साफ शब्दों में कहीं कि अगर जांच में कोई भी आरोपी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पुलिस विभाग खामोश
सूत्रों से पता चला है कि इस मामले को लेकर मीडिया ने कई बार पुलिस से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, लेकिन, सभी अधिकारियों ने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया। कुल मिलाकर, पुलिस विभाग इस मामले में खामोश हो चुका हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले से पुलिस की काफी किरकिरी हुई।
मानवाधिकार संगठन के पास पहुंचा मामला
सूत्रों के हवाले से पता चल रहा है कि मामला, पंजाब मानवाधिकार संगठन के पास पहुंच चुका हैं। उन्होंने भी इस मामले को लेकर एक टीम वहां पर रवाना होने के लिए बोल दी हैं। टीम मामले पर सारी सच्चाई का पता लगाकर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उधर, मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। विपक्ष के एक नेता ने इस मामले को लेकर प्रदेश की भगवंत मान सरकार आरोप लगाते कहा कि मान सरकार बिल्कुल फेल हो चुकी है। पुलिस लोगों के प्रति अन्याय का काम कर रही है। आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। किसी को बख्शा नहीं जाना चाहिए।