वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.पठानकोट।
सेना के एक जवान ने अपने 2 साथी जवानों को गोलियों से भून डाला हैं। मौके पर दोनों साथी सैनिकों ने दम तोड़ दिया। मामला रविवार-सोमवार की मध्यकालीन का बताया जा रहा हैं। शव कब्जे में ले लिए गए हैं। पुलिस जांच में जुट चुकी हैं। हत्या के कारण अभी तक नहीं पता लग पाए। बताया जा रहा है कि मौके से आरोपी सैनिक फरार हो गया। तलाश में सेना एवं पुलिस टीम लग चुकी हैं। दावा किया जा रहा है कि जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के जिला हुबली, नीर बोए पुर निवासी हवलदार गौरी शंकर हट्टी और महाराष्ट्र के जिला लातूर, बड़ागांव निवासी तेलांगी सूर्यकांत शेशीराव के तौर पर हुई है। आरोपी गार्ड मैन सिपाही लोकेश कुमार ध्रुव छत्तीसगढ़ के जिला बलौदा बाजार, गांव गदीदां का रहने वाला है।
पुलिस को दिए बयान में नायक पन्नी राजू ने बताया कि हवलदार गौरी शंकर, तेलांगी सूर्यकांत और आरोपी लोकेश कुमार उनके साथ एक ही बैरक में रहते हैं। एक समय में 3-3 जवान ड्यूटी पर रहते हैं। रविवार-सोमवार की रात करीब एक बजे वह ड्यूटी पर थे। आरोपी लोकेश बैरक के बाहर निगरानी पर था। रात करीब 2 बजे वह हवलदार तेलांगी और गौरी शंकर के साथ अपनी बैरक में पहुंचे और सो गए। अचानक ढाई बजे गोलियों की आवाज आई। उसने देखा कि लोकेश के हाथ में इंसास राइफल थी। वहीं, पास में हवलदार तेलांगी और गौरी शंकर खून से लथपथ तड़प रहे थे। इसी दौरान बाकी जवान भी उठ गए तो आरोपी राइफल छोड़कर भाग खड़ा हुआ। उन्होंने घायलों को मिलिट्री अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
हवलदार के तकिए के नीचे से चुराई चाबी
एक सैन्य अधिकारी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि जिस इंसास राइफल से आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया वह राइफल हवलदार गौरी शंकर के नाम पर जारी की गई थी। अधिकारी ने बयान में बताया कि जब वह रात को पेट्रोलिंग से वापस आए तो हवलदार गौरी शंकर ने सभी हथियारों को बैरक की अलमारी में रखा और ताला लगाकर चाबी अपने तकिए के नीचे रखकर सो गया। आरोपी लोकेश ने चुपके से हवलदार के तकिए के नीचे से चाबी निकाली और बैरक खोलकर राइफल से फायर कर दिए। पुलिस ने आरोपी सिपाही पर हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया है।