एसएनई नेटवर्क.पटियाला।
बेबाक, ईमानदारी छवि के रूप से विश्व प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय ने कहा कि देश की राजनीति को चलाने वाले चार लोग है। दो लोग खरीदारी करने वाले, जबकि दो बेचने वाले है। देश की मुख्यधारा मीडिया. मशीनरी तथा राज्यों का दुरुपयोग होने लगे तो समझ लो कि देश के नागरिक की स्वतंत्रता पर बड़ा हमला है। इससे देश का नागरिक स्वतंत्रता पर कैसे विश्वास कर सकता है। लेखिका अरुंधति रॉय ने यह बातें गुरुवार को पंजाबी यूनिवर्सिटी (पीयू) में एक संबोधन दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि देश में भाषा, धर्म , जाति से ऊपर उठकर राजनीति को दरकिनार करके एकजुटता की मिसाल कायम होनी चाहिए। पंजाब का किसान आंदोलन ने देश की राजनीति में एक नया इतिहास लिखा। कैसे किसानों ने एकजुट होकर सरकार की आंख में आंख मिलाकर अपने आंदोलन को जारी रखा। अंत में कानून वापस होने से यह बात सच साबित हो गई की कि किसानों की सबसे बड़ी जीत हुई। देश के एक डैम के पास रहने वाले आदिवासियों के साथ हकुमत ने काफी नुकसान पहुंचाया। सब कुछ उनका उजड़ गया। यह सब राजनीति की वजह से हुआ।
कश्मीर के मुद्दे पर पूछे सवाल में कहा कि उन्होंने अपनी रचना में ही इसका जवाब दे दिया। लिखना उनका जुनून है । भाषा तथा लिखित के माध्यम से सब कुछ स्पष्ट लिख देती है। उन्होंने कहा कि संघर्ष के बिना कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है। इसलिए एकजुट होकर ही अपनी मांग को पूरा किया जा सकता है।
इधर, विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने लेखिका की प्रशंसा करते कहा कि समाज में इस प्रकार के लोगों की वजह से सम्मान महसूस होता है। अपनी बेबाक सच्चाई से ही समाज में होने वाले काम को सामने लाया जा सकता है। इस बीच लेखिका का एक विद्यार्थी यूनियन द्वारा विरोध भी किया। पुलिस तथा विश्वविद्यालय की सुरक्षा टीम ने उन्हें समझाकर मामले को शांत किया। जबकि, एक विद्यार्थी यूनियन ने लेखिका का समर्थन करने की बात भी सामने आई।