सबसे बड़ा घोटाला…पंचायती जमीन के मिले मुआवजे में 6.66 करोड़ रुपये का घपला..कई ग्राम के सरपंच-बड़े बाबुओं एवं कंपनियों के खिलाफ दर्ज मामला

एसएनई नेटवर्क.पटियाला।

पंचायती जमीन के मिले मुआवजे में 6.66 करोड़ रुपये का घपला होने का मामला सामने आया है। मामला पंजाब के जिला पटियाला से जुड़े लगभग आधा दर्जन गांव से जुड़ा हैं। अमृतसर-कोलकाता डेडीकेटेड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत कुल 1103 एकड़, 3 कनाल, 15 मरले जमीन अधिग्रहित करने के एवज में मुआवजा प्राप्त हुआ था। इस राशि को गांवों के विकास पर खर्च करने की आड़ में यह घपला हुआ है। 

विजिलेंस ब्यूरो ने इस मामले से जुड़े ग्राम पंचायत के सरपंच  एवं 8 पंचों के अलावा इन गांवों में विकास कार्यों के लिए सामान और मजदूरों की आपूर्ति करने वाली 10 फर्मों और 4 लोगों को भी नामजद किया है। आरोपियों में हरजीत कौर सरपंच गांव आकड़ी, चरणजीत कौर पंच, अवतार सिंह पंच, सुखविंदर सिंह पंच, दर्शन सिंह पंच, कुलविंदर कौर पंच, जसविंदर सिंह पंचायत सचिव दफ्तर बीडीपीओ शंभू, मनजीत सिंह सरपंच ग्राम पंचायत गांव सेहरी, जतिंदर रानी पंच, लखवीर सिंह पंच, पवनदीप कौर पंच, लखविंदर सिंह पंचायत सचिव और धर्मेंद्र कुमार सहायक इंजीनियर पंचायती राज दफ्तर बीडीपीओ शंभू शामिल हैं।


यह कंपनियां वाले भी थे शामिल
इसके अलावा फर्म दिनेश कुमार बंसल कांट्रैक्टर बस्सी पठाना जिला फतेहगढ़ साहिब, फर्म गिल ट्रेडिंग कंपनी पटियाला, फर्म फेलकोन एंटरप्राइजेज मोहाली, फर्म इनोवेशन सॉल्यूशन पटियाला, फर्म भोले नाथ बिल्डिंग गांव उपलहेड़ी राजपुरा, फर्म वरुण सिंगला कांट्रैक्टर और सप्लायर बस्सी पठाना जिला फतेहगढ़ साहिब, फर्म आरबी बिल्डिंग मटेरियल पटियाला, फर्म एसएसडीएन बिल्डिंग मटेरियल पटियाला, फर्म बिमल कंस्ट्रक्शन सराय बंजारा जिला पटियाला, फर्म चोपड़ा पब्लिक हाऊस के मालिक समेत कुलदीप सिंह निवासी राजपुरा, इंद्रजीत गिर निवासी राजपुरा, जुगनू कुमार निवासी राजपुरा और सुखविंदर गिर निवासी राजपुरा, जिला पटियाला को भी नामजद किया गया है।


पांच पंचायतों को मिले थे 285,15,84,554  रुपये
विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि अमृतसर-कोलकाता डेडीकेटेड फ्रट कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तत पुडा ने उक्त पांच गांवों की कुल 1103 एकड़, 3 कनाल, 15 मरले जमीन अधिगृहित की गई थी। इसके एवज में गांव आकड़ी, गांव सेहरा, गांव सेहरी, गांव तख्तूमाजरा और गांव पबरा की पंचायतों को जमीन का मुआवजा  285,15,84,554  रुपये दिया गया। इसके अलावा इस जमीन के काश्तकारों को 9 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से  97,80,69,375   रुपये भत्ता मिला था।

गांव वालों ने दी थीं विकास कार्यों संबंधी शिकायत
पंचायतों द्वारा करवाए गए विकास कामों संबंधी गांव वालों द्वारा शिकायत की गई थीं। आरोप लगाया गया था कि पंचायती विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों ने विकास कार्य ठीक ढंग से नहीं करवाए हैं। इसके बाद इन कामों की तकनीकी टीम से जांच करवाई गई। इस दौरान विकास कार्यों में भारी कमियां मिलीं। जांच में सामने आया कि गांव आकड़ी और गांव सेहरी की पंचायत ने बिना काम करवाए बड़ी रकमों की अदायगियां कर करोड़ों रुपये का घपला किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर उक्त गोवों के जिम्मेदार सरपंचों, पंचों और अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

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