UPDATE….लगता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री का कातिल राजनीति सीख ही गया..इसलिए अब सिख को एकजुट होने की दे रहा सलाह

वरिष्ठ पत्रकार.पटियाला (चंडीगढ़।)। 

लगता है कि जेल में रह पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजायाफ्ता बलवंत सिंह राजोआना राजनीति सिख ही गए, इसलिए अब सिख समुदाय को एकजुट होने की सीख दे रहे है। इसके पीछे एक राजनीति पार्टी के साथ संबंध होने की बात दर्शाती है। बुधवार को उन्होंने सिख समुदाय से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने और सिख संगठनों को मजबूत करने का आह्वान किया। राजोआना लुधियाना के राजोआना कलां में अपने पैतृक स्थान पर स्थित गुरुद्वारे में अपने भाई कुलवंत सिंह राजोआना के भोग समारोह के दौरान एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उनके भाई की 4 नवंबर को मृत्यु हो गई थी।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राजोआना को लुधियाना में बुधवार को होने वाले भोग समारोह (प्रार्थना सभा) में शामिल होने के लिए 3 घंटे की पैरोल दी। उन्हें पटियाला की सेंट्रल जेल से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लुधियाना लाया गया। सभा को संबोधित करते हुए राजोआना ने ‘खालसा पंथ’ (सिख समुदाय) में एकता का आह्वान किया। गुरुद्वारे में उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि ‘खालसा पंथ’ को एकजुट होना चाहिए और ताकत को जुटाना चाहिए।”

अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी की मौजूदगी में राजोआना ने कहा, “हमारे संगठन जितने मजबूत होंगे, हमारे अधिकार उतने ही सुरक्षित रहेंगे।” उन्होंने कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि हमारे संगठन अकाल तख्त और एसजीपीसी को मजबूत बनाएं और फिर हम सुरक्षित रहेंगे।” हत्याकांड में अपनी सजा का जिक्र करते हुए राजोआना ने कहा कि उन्होंने अदालत में अपने किए को स्वीकार किया है और अदालत ने 12 साल बाद मृत्युदंड की सजा सुनाई है।


उन्होंने कहा, “मुझे पिछले 18 सालों से फांसी की कोठरी में रखा गया है और मैं फैसले का इंतजार कर रहा हूं।” इस मौके पर शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भी मौजूद थे।

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