पतंगबाजी ने ली ‘एकम’ की जान….परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़….कुछ दिन पहले बहन की करंट लगने से हुई थी मौत, क्षेत्र में गमगीन माहौल,हर किसी की आंख में दिखें आंसू

वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा.संगरुर। 

पंजाब में पतंगबाजी एवं चायना डोर पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि, इन परिस्थितियों में दोनों ही बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित हो रहे हैं। ताजा मामला , पंजाब के जिला संगरूर से जुड़ा हैं। छत पर पतंग उड़ा रहा बच्चा छत से गिर गया। अस्पताल में दम तोड़ दिया। परिवार में मातम का माहौल हैं। क्षेत्र के लोगों के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। मृतक की पहचान एकमजोत सिंह गांव गंडेवाल के रूप में हुई है।

परिवार के सदस्य हरबंस सिंह हंसा ने बताया कि परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। अभी कुछ महीने पहले उनकी बेटी की ही करंट लगने से मौत हो गई थी। घटना का पता चलते ही इलाका पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल के मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया। बताया जा रहा है कि परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा हैं। बच्चे की मां बार-बार बेहोश हो रही हैं। परिवार के साथ विलाप करते रिश्तेदार साफ तौर देखे जा सकते हैं। 

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राजपुरा में भी चायना की डोर से विद्यार्थी का गला कट गया। घर पर बेहोश हो गया। अस्पताल (पीजीआई) में दम तोड़ दिया था। इस हादसे के उपरांत भी प्रशासन हरकत में नहीं आया। ताजा घटना ने फिर से पंजाब सरकार तथा प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए है कि सिर्फ तो सिर्फ कानूनी कार्रवाई करने के दावे हुए, सच्चाई के तौर पर अमल नहीं किया गया। 

परिवार का इकलौता था एकमजोत

पता चला है कि एकमजोत सिंह परिवार का इकलौता बेटा था। पिछले समय बहन की मौत करंट लगने की वजह से हुई। अब बेटे की छत से गिरने के कारण मौत हो गई। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। खासकर मां अपनी सुध बुध खो चुकी हैं। बार-बार बेहोश हो रही हैं। हर कोई परिवार को संवेदना देता दिखाई दिया। अब देखना होगा कि प्रशासन , इस घटना के उपरांत कौन सा बड़ा कदम उठाता हैं। 

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