SANGRUR—इस शहर में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 8 पहुंची………सिर्फ 2 की ARREST, सरकार पर इस नेता ने उठाए सवाल

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वरिष्ठ पत्रकार.संगरुर। 

जहरीली शराब पीने वाले मृतकों की संख्या में इजाफा हो गया। मरने वालों की संख्या 8 पहुंच गई। मामला, प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिला से जुड़ा है। पुलिस ने 302 की कार्रवाई करते हुए 2 को गिरफ्तार कर लिया। राजनीति इस मामले में घुस चुकी है। सीएम मान तथा सरकार के खिलाफ सवाल उठने शुरु हो चुके है। पीड़ित परिवार के लिए 1-1 करोड़ आर्थिक मदद की गुहार लगाई गई। इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश जारी किए गए। रिपोर्ट एक सप्ताह में पूरी देने के लिए बोला गया। बता दें कि पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान भी जहरीली शराब पीने से कई लोग मरे थे। 

मृतकों की पहचान

इस मामले में मृतकों की संख्या 8 पहुंच गई है। गांव उपली के 37 वर्षीय गुरसेवक सिंह,भोला सिंह,कृपाल सिंह और कुलदीप सिंह, परगट सिंह , निर्मल सिंह, जगजीत सिंह, हरबंस सिंह के तौर पर हुई। पीड़ित परिवार में सरकार के प्रति काफी रोष पाया जा रहा है। रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम का माहौल है। अकाली दल ने पीड़ित परिवार को 1-1 करोड़ की आर्थिक मदद देने की मांग की। सरकार के खिलाफ कई प्रकार के सवाल खड़े किए। सीएम से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की गई।

जानिए, कितनों के खिलाफ दर्ज हुआ

पुलिस के उच्च अधिकारियों के मुताबिक, प्राथमिक जांच में लगभग दर्जन के करीब मामला दर्ज किया गया। मामले से जुड़े कथित अपराधी सुखविंदर सिंह उर्फ सुखी तथा मनप्रीत सिंह उर्फ मनी को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ जारी है। पता लगाया जा रहा है कि जहरीली शराब खुद बनाई या फिर कहीं से लाई गई थी। फिलहाल, पुलिस के हाथ कुछ खास सबूत हाथ नहीं लगे है। निरंतर जांच का दावा किया जा रहा है।  

घटनाक्रम से जुड़ी जानकारी

विगत मंगलवार को एक घर में लोग इकट्ठा हुआ थे। बताया जा रहा है कि घर में शादी से संबंधित कार्यक्रम था। देसी शराब पी रहे थे। इनमें कुल 1 दर्जन के करीब लोगों की तबीयत बिगड़ गई। पास में स्थित डॉक्टर के पास लेकर गए। हालत गंभीर देखते हुए सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया। बुधवार 4 ने दम तोड़ा, जबकि, वीरवार शाम को 4 अन्य की मृत्यु हो गई। सभी की मृत्यु जहरीली शराब पीने से बात सामने आई। 

ये लोग करेंगे जांच

प्रशासन की तरफ से जांच के आदेश जारी कर दिए गए। जांच टीम में पुलिस विभाग, आबकारी विभाग तथा सरकारी अस्पताल की स्पेशल चिकित्सकों की टीम शामिल है। उन्हें एक सप्ताह में जांच पूरी करने के आदेश जारी किए गए। पता लगाया जाए कि इन सब की मौत किस वजह से हुई। कौन-कौन लोग शामिल थे। कैसे वारदात को उन लोगों ने अंजाम दिया। फिलहाल, सरकार की तरफ से कोई उचित बयान नहीं आया। 

…..शायद बच सकती थी जान

सूत्रों से पता चला है कि सब की जान को बचाया जा सकता था। इलाज में लापरवाही की बात सामने आ रही है। इलाज के लिए पीड़ित परिवार को इधर-उधर भटकने के लिए काफी मजबूर होना पड़ा। चिकित्सक सही समय पर इलाज नहीं दे पाए। इसी वजह से सभी ने एक-एक करके दम तोड़ दिया। फिलहाल, इस मामले को लेकर प्रशासन का कोई अधिकारी लापरवाही की जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। मरने वाले सभी काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखते है। पेशे से मजदूर बताए जा रहे है। 

सरकार पर भी उठ रहे सवाल

इसे पूरे घटनाक्रम को लेकर सरकार पर भी कई प्रकार के सवाल उठ रहे है। घटनाक्रम प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिला से जुड़ी है। मुख्यमंत्री या फिर सरकार के किसी मंत्री ने कोई भी जवाब नहीं दिया। उल्टा, इस पूरे मामले को लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है।  शिअद के वरिष्ठ नेता परमिंदर सिंह ढींढसा ने तो इस घटनाक्रम के पीछे प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पीड़ित परिवार के लिए 1-1 करोड़ की आर्थिक मदद की मांग की। 

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