…अब संस्था की प्रबंधन कमेटी ने साधी चुप्पी, अभिभावकों में गुस्सा तथा रोष
मांग—–प्रबंधन कमेटी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हों………चेतावनी , नहीं तो खोला जाएगा मोर्चा
एसएनई न्यूज़.पट्टी/तरनतारन।
देश की सबसे बड़ी शैक्षणिक संस्था डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जिला तरनतारन की पट्टी तहसील में स्थित शाखा के खिलाफ पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने अनियमितता पाए जाने के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए स्कूल की मान्यता रद्द कर दी। इस प्रकार की बड़ी कार्रवाई शिकायतकर्ता नवदीप सिंह की तरफ से लगाए आरोप अधिक फीस वसूलने , मासिक शुल्क लेने के जांच-पड़ताल में सही साबित हुए। अभिभावकों में गुस्सा तथा रोष स्कूल प्रबंधन कमेटी के खिलाफ पाया जा रहा है। चेतावनी देते अभिभावकों ने कहा कि अगर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो वह स्कूल के खिलाफ पक्का मोर्चा लगा देगें।
फिलहाल, इस पूरे प्रकरण को लेकर डीएवी संस्था ने चुप्पी साध ली तथा इस बारे किसी प्रकार से कोई अधिकारिक बयान नहीं जारी किया। शिकायत के मुताबिक, दो वर्ष पूर्व नवदीप सिंह ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (मोहाली) कार्यालय में स्कूल के खिलाफ नियमों के खिलाफ अधिक फीस वसूलने तथा मासिक शुल्क लेने के आरोप लगाए थे।
इस पूरे प्रकरण में उन्होंने अपने पत्र के साथ प्रमाण भी दिए। बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, वहां के जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया। उस कमेटी ने गहनता के साथ जांच-पड़ताल आरंभ की। जांच-पड़ताल में सामने आया की कि स्कूल के खिलाफ जितने आरोप लगाए है वह सब सही है। वाक्य ही स्कूल द्वारा बच्चों के अभिभावकों से अधिक शुल्क वसूल किया गया। इतना ही नहीं, इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात सामने आई कि स्कूल फीस की रसीद में भी हेराफेरी हुई।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपी गई। बोर्ड ने इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूल की मान्यता रद्द करने के आदेश जारी कर दिए। बता दें कि डीएवी संस्था देश की सबसे बड़ी शैक्षिणक संस्थानों में शुमार करती है। फिलहाल, इस मामले के जगजाहिर होने से संस्था के लिए अपना पक्ष रखने में काफी दिक्कत हो रही है।
आपराधिक मामला दर्ज करने की गुहार
नवदीप सिंह ने इस पूरे प्रकरण को लेकर राज्य सरकार तथा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी रूप से आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई। उनके मुताबिक, देश के भविष्य यानी विद्यार्थियों तथा अभिभावकों के साथ स्कूल प्रबंधन ने कानून के खिलाफ जाकर, उनके साथ सरासर धोखा किया।
बच्चों के साथ, एक नामवर संस्था इस प्रकार से हरकत करती है, वह एक प्रकार से जघन्य अपराध से कम नहीं गिना जा सकता है। वित्तीय पड़ताल की मांग भी की गई, ताकि इसमें बच्चों के साथ अधिक फीस वसूलने की राशि पता लग सकें।