वरिष्ठ पत्रकार विजय शर्मा /अमित मरवाहा/ तरनतारन/चंडीगढ़।
थाना सरहाली रॉकेट लांचर दागने का षड्यंत्र केंद्रीय जेल गोइंदवाल से रचा गया। विश्वसनीय सूत्रों की पक्की जानकारी से इस बात का बड़ा खुलासा हुआ। विदेश से खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के कुख्यात आतंकी लखबीर सिंह लंडा ने विदेश से फंडिंग की थी। अंजाम देने वाले 2 के नाम भी सामने आए। जेल में बंद गोपी, प्रीत सिंह ने ही वारदात को अंजाम दिया। दोनों कथित अपराधी एक गैंग का हिस्सा हैं। इनके खिलाफ कई आपराधिक मामले पंजाब विभिन्न थानों में दर्ज हैं। फिलहाल, पंजाब पुलिस ने इन दो नामों के बारे अभी तक अधिकारिक पुष्टि तो नहीं की। एनआईए के सूत्रों से इस बात की पक्की जानकारी हासिल हुई। बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने इस मामले में लगभग छह के करीब को नामजद किया। 4 को हिरासत में ले लिया गया, जबकि, दो फरार बताए जा रहे हैं। दावा इस बात का भी किया जा रहा है कि फरार कथित अपराधी जल्द पुलिस की पकड़ में होंगे।
पिछले दिनों रात्रि के समय जिला तरनतारन के सरहाली थाना में रॉकेट लांचर दाग दिया गया। गनीमत रहा की कि किसी प्रकार से जान का नुकसान नहीं हुआ। क्योंकि, उसका धमाका नहीं हुआ। थाना में उस दौरान पुलिस थाना प्रभारी उपस्थित नहीं थे। पुलिस के अन्य मुलाजिमों ने फोन पर थाना प्रभारी से लेकर उच्च अधिकारियों को इस बारे जानकारी दी। हैरान करने वाली बात कोई तत्काल कार्रवाई करने नहीं पहुंचा। अगले दिन सुबह जाकर सभी इकट्ठा हुए। इस मामले में थाना प्रभारी का स्थानांतरण तो कर दिया गया। लेकिन, इस प्रकार की चूक बड़ी समस्या पैदा कर सकती थी।
फिलहाल, पुलिस से लेकर जांच एजेंसियों की जांच प्रक्रिया का दायरा बढ़ा तो सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने 6 संदिग्धों को राउंडअप किया। मोटरसाइकिल सवार की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूछताछ में गोइंदवाल जेल से तार जोड़ने लगे। वहां से दो मोबाइल नंबर ट्रेस किए तो वह गोपी,प्रीत सिंह नामक कैदी चला रहे थे। दोनों कथित अपराधियों को इस मामले में नामजद कर अदालत में पेश किया गया।
पता चला है कि पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर ले आई। उनसे कड़ाई से पूछताछ हुई तो विदेश में बैठे केएलएफ के आतंकी लखबीर सिंह लंडा का नाम सामने आया। लंडा विदेश से पंजाब के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा हैं। यहां पर युवकों को पैसे के लालच में फंसाकर , उनसे देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिलाता हैं। इस मामले में भी लंडा ने विदेश से फंडिंग की थी। यह नहीं साफ हो पाया कि पैसे बैंक खाता में डाले गए या फिर हवाला के माध्यम से । सारी सच्चाई सामने लाने के लिए एजेंसियां भी जांच-पड़ताल में जुट चुकी हैं।
पटियाला जेल से भी जुड़ रहे तार
काउंटर इंटेलिजेंस की गहन जांच-पड़ताल से इस मामले के तार पटियाला की केंद्रीय से भी जुड़ रहे हैं। टीम ने कथित अपराधी को हिरासत में लेकर अदालत में पेश किया। अदालत ने उसकी ट्रांजिट रिमांड को स्वीकृति कर लिया। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिया गया कथित अपराधी काफी संगीन अपराधियों की श्रेणी में आता है। उसके तार भी सरहद पार से जुड़े हैं। अब पूछताछ में बड़ा खुलासा होने का काउंटर इंटेलिजेंस दावा कर रही हैं।
एनआईए की जांच प्रक्रिया ड्रोन से आरंभ
थाना सरहाली पहुंची एनआईए टीम ने हर पहलू पर अपनी जांच प्रक्रिया की। उस जांच का दायरा बढ़ाते हुए एनआईए ने ड्रोन की संख्या की जानकारी मांग ली। एनआईए ड्रोन की संख्या के आधार पर पता लगाना चाहती है कि किन-किन तारीख पर ड्रोन भारत में आया। कितनी बार हथियार तथा खेप बरामद हुई। उसमें किस-किस प्रकार के हथियार थे। सूत्रों से पता चला है कि एनआईए को आशंका है कि रॉकेट लांचर भी पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पहुंचाया गया। इस बात का पक्का पता चलने पर एनआईए को यह केस सुलझाने में सफलता मिल सकती हैं।