वरिष्ठ पत्रकार अमित मरवाहा.क्राइम रिपोर्टर अनिल भंडारी।
जगरूप सिंह रूपा के एनकाउंटर के बाद रूपा की मां पलविंदर कौर ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया है। वहीं, उसके पिता बलजिंदर सिंह ने कहा, ‘जैसी करनी वैसी भरनी। मेरे बेटे ने मूसेवाला को गोलियां मारी थी आज उसका हाल भी सबके सामने है।’ रूपा के पिता बलजिंदर सिंह ने एसएनई न्यूज को बताया कि उसका बड़ा बेटा रंजोत सिंह सेना में है लेकिन रूपा नशे का आदी हो गया था। इस कारण उसे बेदखल कर दिया था, क्योंकि उसकी शिकायत बार-बार आती रहती थीं और पुलिस भी उसे तलाश करते हुए घर तक पहुंच जाती थी।
कई बार समझाया गलत काम छोड़ने का
उन्होंने कहा कि रूपा को कई बार समझाया था कि गलत काम छोड़ दे लेकिन वह नहीं माना। अब मैं समझ लूंगा कि मेरे एक ही बेटा था। मैंने अपने कलेजे पर पत्थर रख लिया है, ना तो रूपा के शव के दीदार करूंगा और ना ही उसका अंतिम संस्कार करूंगा। दूसरी तरफ रूपा की मां पलविंदर कौर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया है। पलविंदर कौर ने कहा कि मैंने तो पहले ही कह दिया था कि अगर रूपा ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की है तो रूपा को भी गोली मार दें। सभी को यहीं पर लेखा देना होता है।
चार घंटा उपरांत बाद बाहर आई
करीब चार घंटे बाद शाम सात बजे पलविंदर कौर बाहर आई तो कहा कि जिस तरह सिद्धू मूसेवाले की मां अपने पुत्र के वियोग में बिलखती है। अब वह भी उसी तरह बिलखती रहेगी। उल्लेखनीय है कि गैंगस्टर रूपा का गांव जौड़ा (विधानसभा हलका पट्टी) के अधीन रहने वाला है। यह गांव आतंकवाद के समय आतंकियों के गढ़ के रूप में जाना जाता था। रूपा करीब 6 वर्ष पहले अपराध जगत से जुड़ गया।
पहला मामला वर्ष 2017 में हुआ दर्ज
गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा के खिलाफ थाना हरिके पत्तन में वर्ष 2017 में चोरी का पहला केस दर्ज हुआ था। अमृतसर के थाना तरसिक्का में अवैध हथियार रखने और गोलियां चलाने, जंडियाला गुरु में चोरी, फिरोजपुर के जीरा थाने में चोरी के केस दर्ज हैं। अदालत ने रूपा को भगोड़ा करार दिया था। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में वह मुख्य शूटरों में शामिल था। रूपा इस हत्याकांड से करीब 54 दिन पहले गांव जोड़ा में देखा गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार हो सकता है कि मूसेवाला की हत्या से पहले रूपा ने अपने साथियों (शूटरों) के साथ मिलकर हथियारों का जखीरा क्षेत्र में कहीं छिपाया हो, लेकिन अभी यह जांच का विषय है।