वरिष्ठ पत्रकार.अमित मरवाहा. तरनतारन।

गत दिनों नोएडा में यूनिसेफ द्वारा अमर उजाला फाउंडेशन और (एसएडीएस) के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डिजिटल पत्रकारिता आदि विषयों पर चर्चा की गई ।इस कार्यक्रम में गलगोटिया विश्वविद्यालय, शारदा विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार के लगभग 100 से अधिक छात्रों, ने भाग लिया। छात्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और नई तकनीक की पत्रकारिता के क्षेत्र में डिजिटल माध्यम , विशेष रूप से मोबाइल पत्रकारिता (मोजो) का लाभ कैसे उठा सकते हैं, इसके बारे में बताया गया। छात्रों को कोविड 19 के खिलाफ किशोरों के टीकाकरण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने और टीकों के खिलाफ गलत सूचना से लड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।
“जलवायु संकट एक अभूतपूर्व खतरा
कार्यक्रम में , यूनिसेफ इंडिया की कम्युनिकेशन स्पेशलिटी जाफरीन चौधरी ने कहा, “जलवायु संकट एक अभूतपूर्व खतरा है और बच्चे, और युवा इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। फिर भी बच्चों के पास अपनी आवाज उठाने की संभावना सबसे कम है। मोबाइल पत्रकारिता हमें जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता बढ़ाने और बच्चों को कैसे प्रभावित करती है, इस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए न्यूनतम लागत और संसाधनों पर अवसर प्रदान करती है।”
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और कोविड टीकाकरण की आवश्यकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए युवाओं की आवाज को सामने लाना है। उन्होंने कहा, “युवा देश का भविष्य हैं। उनके विचार, ऊर्जा और उत्साह परिवर्तन को उत्प्रेरित कर सकते हैं।”
कार्यक्रम में , अमर उजाला वेब सर्विसेज के प्रमुख और संपादक, जयदीप कार्णिक ने कहा, “कार्यशाला हमें और यूनिसेफ को युवाओं की चिंताओं को सुनने का मौका देती है और वे अनुवाद के बारे में क्या महसूस करते हैं।
ग्रीन क्विज का भी आयोजन
पर्यावरणविद् विमलेन्दु, आदित्य पटेल, सहायक निदेशक, डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने छात्रों को निर्देशित किया कि जलवायु परिवर्तन के बारे में संवाद करने के लिए वास्तविक जीवन के अनुभवों का उपयोग कैसे किया जा सकता है। पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता को प्रोत्साहित करने और छात्रों के ज्ञान को मापने के लिए एक ग्रीन क्विज का भी आयोजन किया गया। मीडिया कर्मियो को ग्रुपो में बांटकर पर्यावरण, पराली संरक्षण आदि पर आधारित विषयो पर ग्रुप वर्क अभय शंकर गौड़, राष्टीय अध्यक्ष- रेडियो और दूरदर्शन ज़िला संवातदाता एसोसिएशन के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।उन्होंने यूनिसेफ द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
नदियों की स्थिति गंभीर
इस कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ समाजसेवी विमलीन झा ने बताया कि भारत में नदियों की स्थिति गंभीर है वह तेजी से दूषित हो रही है इसके कई मुख्य कारण है जिन्हें गम्भीरता के साथ दूर किया जाने की जरूरत है। उन्होंने सेमिनार की सराहना करते हुए कहा कि सेमिनार बहुत अच्छा था आज हमारी युवा पीढ़ी आने वाली इन चुनोतियो की समझ पा रही है।
कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ नितिन डेविस ने बताया कि आने वाले समय मे जलवायु परिवर्तन को लेकर अनेक चुनोतियो का सामना करना पड़ेगा ,इसके लिए अभी से हमे विशेष तैयारियो की जरूरत है। यूनिसेफ की सोनिया सरकार ने कार्यक्रम में पर्यावरण का महत्व बताया और आने वाले समय मे जलवायु परिवर्तन से चुनौतियों पर चर्चा की ।