ग्लेशियरों के पिघलने से जन-जीवन प्रभावित, शोध में खुलासा-चार फीसद भाग सिघुड़ा

एसएनई न्यूज़.किश्तवाड़ (कश्मीर)।

जम्मू-कश्मीर संभग के किश्तवाड़ इलाका के ऊंची-ऊंची पहाड़ियों में स्थित ग्लेशियरों के पिघलने से वहां का जन-जीवन पर प्रतिकूल असर पढ़ रहा है। लगभग 20 वर्ष में इन ग्लेशियारों का 4 फीसद भाग सिघुड़ गया। चिनाब नदी के पास सटे घनी आबादी तथा पन बिजली परियोजनाओं पर इसका कभी प्रतिकुल प्रभाव पड़ सकता है। बाढ़ आने का खतरा भी काफी है। 


केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के पर्यावरण विभाग के शोधकर्ताओं ने एक लंबी शोध के बाद इस बात का खुलासा किया। उनके मुताबिक, इसके पीछे ग्लोबल वार्मिंग है। अर्जुन ग्लेशियर से चार तथा बुट बेसिन ग्लेशियर से दो झीलें बन चुकी है। कुल मिलाकर छह झीलें बनी है, जबकि शोधकर्ताओं ने इन नई झीलों को अभी तक कोई नाम नहीं दिया। इसी प्रकार से चिनाब वेली क्षेत्र के ग्लेशियर में पिछले तीन वर्ष से शोध जारी है। 
 

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