सीतापुर-बरेली हाईवे जर्जर-300 करोड़ रुपये की मांग, पीछे कहीं न कहीं बड़े खेल की आशंका

एसएनई न्यूज़.बरेली।

सीतापुर से बरेली के बीच हाईवे काफी जर्जर हालत में है। 11 साल पहले दिया गया निर्माण का कांट्रैक्ट वर्ष 2019 में रद्द किया गया। इसके बाद निर्माण पूरा करने के लिए दिल्ली के एक प्राइवेट कंसल्टेंट को एस्टीमेट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई। उसने इसे फोरलेन बनाने के लिए 800 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया। अक्तूबर, 2019 में यह काम लीडिंग पार्टनगर राज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरसीएल) के ज्वाइंट वेंचर (जेवी) को 697 करोड़ की न्यूनतम बिड डालने पर दिया गया।


मार्च 2021 तक इस सड़क का निर्माण पूरा करना था, लेकिन अभी तक काम की प्रगति मात्र 37 प्रतिशत है। कोविड संकट के कारण दिसंबर तक का अतिरिक्त दिया गया है, लेकिन मौजूदा प्रगति और काम की धीमी रफ्तार के आधार पर विशेषज्ञ इंजीनियर का कहना है कि 2022 में भी इसके पूरा होने के कोई आसार नहीं हैं। इसी बीच लागत में वृद्धि (वैरिएशन) की तैयारी भी गुपचुप ढंग से की जा रही है।

एनएचएआई सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल काम पूरा करने के लिए 300 करोड़ रुपये और मांगे जा रहे हैं। अहम सवाल यह भी है कि जब कंसल्टेंट को एस्टीमेट तैयार करने के लिए मोटी राशि दी गई थी, तो मात्र 20 माह में लागत में इतनी वृद्धि कैसे हो गई। इसके पीछे कहीं न कहीं बड़े खेल की आशंका जताई जा रही है।

50% LikesVS
50% Dislikes