किस अधिवक्ता पर भड़के सीजीआई, क्या कहीं मेन बात, जानिए खास रिपोर्ट में….

वरिष्ठ पत्रकार.दिल्ली। 

भारतीय थल सेना में पदोन्नति में महिलाओं के साथ भेदभाव के आरोपों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। सुनवाई में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी केंद्र की ओर से पेश हुए थे तो वहीं, याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी पैरवी कर रहे थे। खास बात यह है कि अहमदी पूर्व मुख्य न्यायाधीश एएम अहमदी के बेटे हैं। 


सेना में कार्यरत 30 से अधिक कर्नल रैंक की महिला अफसरों ने याचिका दाखिल की । उन्होंने लिंग के आधार पर पदोन्नति में भेदभाव का आरोप लगाया । याचिका में अफसरों ने कहा था कि सेना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रही है। बता दें, थल सेना में नई पदोन्नति नीति सरकार ने मार्च के आखिरी हफ्ते में ही लागू की थी। आज उसी भेदभाव और अवमानना से जुड़े मामले पर सुनवाई हो रही थी।


सुनवाई के दौरान, अटॉर्नी जनरल ने पीठ को बताया कि अगर सेना में कार्यरत अधिकारियों की आपस में तुलना नहीं की जाएगी तो उनकी असल योग्यताओं सामने कैसे आएगी और बिना योग्यता सामने आए उन्हें पदोन्नति नहीं दी जा सकती। इस पर सीजेआई ने अहमदी से कहा- आपको पदोन्नति के लिए उपलब्ध लोगों के बीच ही चुनाव करना होगा। 

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