SNE NETWORK.NEW DELHI.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने मध्यस्थता को लेकर अहम बयान दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता नियम और विदेशी मध्यस्थ अदालतों के फैसलों को लागू करने को लेकर भारत हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिबद्धता हमेशा संदेह से परे रही है। जस्टिस सूर्यकांत के मुताबिक भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण जेनेवा सम्मेलन पर हस्ताक्षर है। उन्होंने कहा कि जेनेवा संधि पर हस्ताक्षर करने वाले छह एशियाई देशों और न्यूयॉर्क संधि के 10 मूल हस्ताक्षरकर्ताओं में भारत अग्रणी रहा है।
उन्होंने कहा, आज भारत मध्यस्थता में एक नये युग की दहलीज पर खड़ा है। मध्यस्थता हमारे देश में विवाद निपटारे का पसंदीदा तरीका बनकर उभर रही है। इसे लगातार समर्थन भी मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और कानून के शासन पर आयोजित सम्मेलन के समापन समारोह में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, यह सम्मेलन उच्चतम न्यायालय की स्थापना के 75 साल और स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (पीसीए) की स्थापना के 125 साल पूरे होने के समय आयोजित हुआ है। इससे यह मौका जश्न का भी बन जाता है।