67 साल बाद ‘घर वापसी’ हो सकती है टाटा समूह में ”एयर इंडिया” की

सरकार से चल रही है टाटा समूह की खरीदने की बातचीत


एसएनई न्यूज़.दिल्ली।

घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए टाटा संस ने बोली लगाई है। कंपनी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) ने जानकारी दी कि एयर इंडिया अधिग्रहण संबंधी रुचि पत्र मिल गया है। इसी के साथ ये प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। 


     सरकार ने भी साफ कर दिया कि उसे एयर इंडिया अधिग्रहण के लिए कई प्रस्ताव मिले हैं। डीआईपीएएम सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। बता दें कि एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया जनवरी 2020 में ही शुरू कर दी गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें लगातार देरी हुई। अप्रैल 2021 में सरकार ने एक बार फिर योग्य कंपनियों से बोली लगाने को कहा। 15 सितंबर बोली लगाने का आखिरी दिन था। 

साल 2020 में भी टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर रुचि पत्र दिया था।2007 में घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से ही एयर इंडिया घाटे में चल रहा है। इस एयरलाइन की स्थापना टाटा ने 1932 में एक मेल करियर के रूप में की थी। अब जो भी कंपनी इसका स्वामित्व हासिल करेगी उसे 4400 घरेलू उड़ानें, देश में 1800 अंतर्राष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग की जगह मिलेगी। अगर टाटा के साथ सरकार का सौदा पक्का हो जाता है तो विमानन कंपनी की 67 साल बाद ‘घर वापसी’ हो सकती है।

टाटा समूह ने अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी, जिसे भारत सरकार ने 1953 में अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था। वर्तमान में एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ का कर्ज है, लेकिन अधिग्रहण के बाद खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे। शेष कर्ज को विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि बाकी का कर्ज खुद सरकार उठाएगी।

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