
वरिष्ठ पत्रकार.नई दिल्ली।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश की एक जिला अदालत के आदेश पर रोक लगा दी। जिला अदालत द्वारा पारित आदेश में राज्य कांग्रेस प्रमुख वाईएस शर्मिला और अन्य को उनके चाचा पूर्व सांसद वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ सदस्यों के खिलाफ टिप्पणी करने से रोक दिया गया था।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने शर्मिला की याचिका पर सुनवाई पर यह आदेश पारित किया, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने जिला अदालत को निर्देश दिया था कि वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की बहन शर्मिला और अन्य के खिलाफ एक पक्षीय आदेश हटाने के लिए दायर अर्जी पर शीघ्र सुनवाई और निस्तारण करे।
यह था पूरा मामला
विवेकानंद रेड्डी की 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में उनके पैतृक घर में हत्या कर दी गई थी। तब आम चुनाव भी नजदीक थे। शर्मिला की ओर से शीर्ष अदालत में वरिष्ठ वकील गौरव अग्रवाल पेश हुए। उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल ने एक मुकदमा दायर किया था और एकपक्षीय निषेधाज्ञा प्राप्त की थी। उन्होंने पीठ से कहा, चुनाव की पूर्व संध्या पर निषेधाज्ञा की प्रकृति देखें। उन्होंने कहा कि एकपक्षीय आदेश को रद्द करने का आवेदन आठ मई को खारिज कर दिया गया था।