EXCLUSIVE REPORT..कब और कैसे लग सकता है पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन…..गृह-मंत्रालय की रिपोर्ट में अब तक क्या हुआ खुलासा…….राष्ट्रपति कब दे सकते है इस पर फैसला….जानिए, खास रिपोर्ट में…..?

BSF JAWAN AT MUSHIDABAD (WEST-BENGAL)

वरिष्ठ पत्रकार.राष्ट्रीय डेस्क। 

पश्चिम-बंगाल के मुर्शिदाबाद में छिड़े दंगों को लेकर देश के गृह-मंत्रालय ने बहुत बड़ा फैसला ले लिया। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि किसी भी समय पूरे पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है। गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज गई है। कभी भी इस पर मुहर लग सकती है। क्योंकि, रिपोर्ट्स के अनुसार बंगाल के मुर्शिदाबाद से हिंसा अब अन्य जिलों में पहुंचने लगी। पुलिस से स्थिति अनियंत्रित होने के बाद वहां पर बीएसएफ, सेना, सीआरपीएफ की कई टुकड़ियां वहां की स्थिति को काबू पाने में जुटी है। पता चला है कि यह हिंसा वक्फ बोर्ड कानून पारित होने के उपरांत शुरू हुई।

बंगाल की उच्च न्यायालय ने इस हिंसा को लेकर राज्य सरकार को खूब फटकार लगाई तथा उनके खिलाफ फैसला सुनाया। प्रदेश राज्यपाल ने इस पूरी हिंसा को लेकर एक रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर उन्हें सौंपी। गृहमंत्री अमित शाह ने आगे रिपोर्ट राष्ट्रपति मुर्म को सौंप दी है। उनका फैसला आना शेष है। चर्चा, इस बात की खूब चल रही है कि बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। 

कैसे भटके दंगे..कौन-कौन है इसके लिए जिम्मेदार ..समझिए, खास रिपोर्ट में….?

इस बार सदन देश की सरकार पुराने वक्फ बोर्ड कानून को रद्द करते हुए नए कानून को पारित कर दिया। इस कानून को लेकर पूर्व में विपक्ष ने खूब हंगामा किया , जबकि, भाजपा शासित प्रदेश में इस नए कानून को लागू भी कर दिया। अन्य राज्यों में बंगाल में इस कानून को लेकर पूर्व में प्रदर्शन हुआ। लेकिन, इस प्रदर्शन ने बाद में हिंसा का रूप धारण कर लिया।  यह हिंसा मुर्शिदाबाद से आरंभ हुई। बताया जाता है कि वहां पर मुस्लिम समुदाय की संख्या काफी है, इसलिए, इस समुदाय पर आरोप लगा कि इन्होंने हिन्दू समुदाय के घरों को आग के हवाले कर दिया। कई लोगों की जान चली गई। पुलिस तथा सरकार कुछ नहीं कर पाई। फिर जाकर राज्यपाल की रिपोर्ट पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वहां सीआरपीएफ, बीएसएफ तथा सेना के जवानों को वहां पर तैनात किया। अब स्थिति कुछ कंट्रोल में बताई जा रही है। लेकिन, दुखदायक बात यह है कि कई हजारों की संख्या में हिन्दू भयं की वजह से अपने घर छोड़कर वहां से चले गए।  

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