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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि आत्मनिर्भर होने का मतलब अलग-थलग होने से नहीं जुड़ा है। बल्कि यह बाहरी चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद की आतंरिक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए है। चौधरी ने कहा कि भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा।
भारत शक्ति डिफेंस कॉन्क्लेव में संबोधन के दौरान वायुसेना प्रमुख ने कहा कि आज देश कई आधुनिक खतरों को देख रहे हैं और यह पारंपरिक सैन्य या आर्थिक जोखिम से अलग हैं। इसी के साथ हाइब्रिड युद्ध प्रणाली का भी उदय हो रहा है, जिससे पारंपरिक सैन्य आक्रामकता को मिलाकर साइबर हमले, गलत जानकारियां और आर्थिक दबाव बनाए जा रहे हैं।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारत के लिए इन चुनौतियों को सामना करने का सबसे ताकतवर और प्रभावी तरीका सहयोग का है। उन्होंने कहा, “मेरे हिसाब से आत्मनिर्भरता में एक मजबूत घरेलू उद्योग खड़ा करना, उन्नयन में निवेश करना, अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित करना और बाहरी प्रभावों से पैदा हो सकने वाली कमजोरियों को दूर करना अहम है।”