वरिष्ठ पत्रकार.राष्ट्रीय डेस्क।
केरल सरकार ने स्पष्ट किया कि वह राजभवन में पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत माता के चित्र के इस्तेमाल से सहमत नहीं है। विजयन सरकार ने कहा कि इस चित्र को संविधान या भारत सरकार द्वारा आधिकारिक संस्करण के रूप में अधिकृत नहीं किया गया है। सरकार का यह रुख राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत माता के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
बृहस्पतिवार को पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजभवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में भारत माता के चित्र को रखा गया था। इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले केरल के कृषि मंत्री पी प्रसाद ने कहा कि सांविधानिक पदों पर बैठे लोग सरकारी कार्यक्रमों को राजनीतिक कार्यक्रमों में नहीं बदल सकते। केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी ने भी इसी तरह का बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजभवन और राज्यपाल राजनीति से ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को अपने रुख से पीछे हट जाना चाहिए।
कृषि मंत्री प्रसाद ने एक साक्षात्कार में कहा कि आजादी के बाद से अब तक संविधान या सत्ता में आई किसी भी सरकार ने भारत माता के किसी भी चित्र को आधिकारिक या अधिकृत संस्करण के रूप में स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाले चित्र पर भारतीय ध्वज नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संगठन का झंडा था। इसलिए सरकारी कार्यक्रम के दौरान इसका सम्मान नहीं किया जा सकता।
मंत्री प्रसाद ने आगे कहा कि विशेष राजनीतिक संगठन और राज्यपाल निजी कार्यक्रमों में चित्र पर श्रद्धांजलि देने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन राज्य सरकार के कार्यक्रमों में ऐसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हम सभी का एक राजनीतिक दृष्टिकोण होता है, लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के पास इसे व्यक्त करने के तरीके पर प्रतिबंध होते हैं।’