प्रधानमंत्री ने देश की महिलाओं के बारे क्या खास कहा—–किस बात पर दिया जोर, जानिए, हमारी खास रिपोर्ट 

राष्ट्रीय डेस्क.नई दिल्ली। 

केंद्र सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों में यूनिकॉर्न बनाने का एक सपना देखा है। शुक्रवार को जब महिला सशक्तिकरण पर प्रधानमंत्री ने वेबिनार को संबोधित किया तो फिर से इसे ही दोहराते हुए यह भरोसा जता दिया कि अब देश महिला विकास से आगे बढ़कर महिला नेतृत्व में विकास की ओर बढ़ चला है। उन्होंने सभी का आह्वान किया है कि महिलाओं- बहनों- बेटियों के सामने आने वाली हर रुकावट को दूर करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ें। यही शक्ति समूह इस शताब्दी में भारत के स्केल और स्पीड को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है।


जानिए, किस बात पर पीएम ने दिया जोर


पिछले नौ सालों में जहां मोदी सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रयास हुए हैं, वहीं इसका राजनीतिक परिणाम भी दिखा है, जब अधिकतर चुनावों में महिलाओं ने आगे बढ़कर भाजपा के लिए वोट किया है। अब सरकार के स्तर से बार बार यह संदेश दिया जा रहा है कि 2047 तक विकसित भारत बनना है तो महिलाओं के हाथ में कमान देनी होगी।


पीएम मोदी ने इंजीनियरिंग, विज्ञान, तकनीक के अलग-अलग क्षेत्र में महिलाओं के नामांकन की बढ़ी हुई दर का उल्लेख करते हुए कहा कि वह हर क्षेत्र में बढ़ रही हैं। साथ ही यह भी जोड़ा कि क्या महिला स्वयं सहायता समूहों में यूनिकॉर्न नहीं बनाया जा सकता है। ध्यान रहे कि यूनिकॉर्न ऐसी कंपनी को कहा जाता है जिसकी वैल्यूएशन 8-10 हजार करोड़ के आसपास होती है। बजट में स्वयं सहायता समूहों के दायरा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।


आगे बढ़ रहा भारत


प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों से भारत महिलाओं की अगुवाई में विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है और बीते वर्ष के अनुभव को देखते हुए भारत ने महिला विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रयासों को वैश्विक मंच पर भी ले जाने का प्रयास किया है। पिछले 9-10 वर्षों में हाईस्कूल व उससे आगे की पढ़ाई करने वाली लड़कियों की संख्या तीन गुना बढ़ी है।


‘हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रहीं महिलाएं’


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित में लड़कियों का एनरोलमेंट 43 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, ये समृद्ध और विकसित देश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी सबसे ज्यादा है। इसी तरह मेडिकल फील्ड हो या खेल का मैदान हो, बिजनेस हो या राजनीतिक गतिविधि हो, भारत में महिलाओं की केवल भागीदारी नहीं बढ़ी, बल्कि वो हर क्षेत्र में आगे आकर नेतृत्व कर रही हैं। आज भारत में ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें महिला शक्ति का सामर्थ्य नजर आता है।

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