बजट-2025–12 लाख तक की आय को ‘कर’ मुक्त…..फिर भी कुछ संगठन नहीं खुश

वरिष्ठ पत्रकार.नई दिल्ली।  

वर्ष 2025-26 बजट में वेतनभोगियों के लिए 12 लाख रुपये तक की आय को ‘कर’ मुक्त रखा गया है। कई कर्मचारी संगठनों ने वित्त मंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया है तो वहीं दूसरी तरफ ‘नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्सन’ (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी.श्रीकुमार का कहना है, 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, इस घोषणा के लिए अभी अधिसूचना जारी होने का इंतजार करना होगा। संभव है कि जब यह अधिसूचना जारी होगी, तब बहुत सारी चीजें छिपी हो सकती हैं।


…  तो बहुत सारी चीजें छिपी होंगी


श्रीकुमार के मुताबिक, वित्त मंत्री को सीधे यह घोषणा करनी चाहिए थी कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। केवल 12 लाख रुपये से अधिक की कोई भी राशि, जो अलग-अलग स्लैब में रखने के बजाए कर योग्य होगी। इसके लिए कर्मचारियों को सरकारी अधिसूचना जारी होने का इंतजार करना होगा। जब इस बाबत आदेश जारी होंगे, तो बहुत सारी चीजें छिपी होंगी।


पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर कोई घोषणा नहीं 


केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 18 महीने के डीए/डीआर के एरियर की घोषणा बजट में नहीं की गई है। केंद्र ने 2020 के प्रारंभ में कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। उस वक्त केंद्र सरकार ने कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर 34,402 करोड़ रुपये बचा लिए थे। श्रीकुमार ने कहा, बजट में पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाली पड़े 13 लाख पदों को भरने पर कोई घोषणा नहीं हुई।


निगमीकरण की व्यवस्था को वापस नहीं लिया गया


एआईडीईएफ महासचिव सी. श्रीकुमार ने बताया, पेंशनभोगियों के हित के लिए संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं की गई। बजट में पूरे देश में प्रत्येक जिले में एक सीजीएचएस वेलनेस सेंटर खोलने की घोषणा नहीं हो सकी। निगमीकरण के 3 वर्षों के दौरान आयुध फैक्ट्री में हुई दुर्घटनाओं में 15 कर्मचारियों के मारे जाने के बाद भी आयुध कारखानों के निगमीकरण की व्यवस्था को वापस नहीं लिया गया।


100 प्रतिशत एफडीआई बहुत खतरनाक


बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई बहुत खतरनाक है। भारतीय रेलवे में वरिष्ठ नागरिक रियायत की बहाली की कोई घोषणा नहीं हुई है। ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मरने वाले केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए अनुग्रह मुआवजे को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने की कोई घोषणा नहीं की गई। बजट में मृत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को 100 प्रतिशत अनुकंपा नियुक्ति देने की कोई घोषणा नहीं की गई। श्रीकुमार ने कहा, यह बजट सभी क्षेत्रों के निजीकरण को जारी रखने वाला और कॉरपोरेट्स के लिए फायदेमंद है। आम आदमी के कष्ट जारी रहेंगे। 

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