BREAKING—कविता ने किया था इतने करोड़ का गबन…..ईडी के सबूत पेश करने पर अदालत ने याचिका कर दी खारिज

वरिष्ठ पत्रकार.नई दिल्ली। 

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में 300 करोड़ रुपये भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता कविता ने गबन किया था। कुल 1100 करोड़ का गबन था। इस बात की पुष्टि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में दायर किए आरोप-पत्र में साफतौर पर लिखा है। इस घोटाले के अदालत में सभी सबूत भी पेश कर दिए गए। अब कविता की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी।

रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने प्रिंस, दामोदर और अरविंद सिंह नामक 3 सह-आरोपियों को जमानत दे दी, जिन पर एजेंसी द्वारा जांच के दौरान गिरफ्तार किए बिना आरोपपत्र दायर किया गया था। ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, कुल 1,100 करोड़ रुपये की मनी लॉन्डरिंग की गई, जिसमें से अभियोजन पक्ष की शिकायत में 292.8 करोड़ रुपये की आपराधिक आय का निपटारा किया जा रहा है।

कविता, चनप्रीत सिंह, प्रिंस कुमार, दामोदर शर्मा और अरविंद सिंह की कथित गतिविधियों के माध्यम से अपराध की बड़ी आय अर्जित की गई। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता पर 292.80 करोड़ रुपये के अपराध में शामिल होने का आरोप है, जिसमें से 100 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी के नेताओं को रिश्वत के रूप में दिए गए। ईडी ने कविता पर कथित साउथ ग्रुप के सदस्यों और आप नेताओं के साथ एक अन्य आरोपी विजय नायर के माध्यम से ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया, जो आप के शीर्ष नेतृत्व की ओर से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए काम कर रहा था। 

..कुछ इस तरह से घोटाला किया

ईडी के अनुसार, कविता ने कथित तौर पर साजिश और इंडो स्पिरिट्स नामक एक आरोपी कंपनी के माध्यम से 192.80 करोड़ रुपये के अपराध की आय के सृजन, अधिग्रहण और उपयोग में भाग लिया। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि कविता ने कंपनी को एक ‘वास्तविक व्यावसायिक इकाई’ के रूप में दिखाया और 192.80 करोड़ रुपये के अपराध की आय अर्जित की। ईडी के अनुसार, कविता ने कथित तौर पर साजिश के माध्यम से 192.80 करोड़ रुपये की अपराध आय के सृजन, अधिग्रहण और उपयोग में भाग लिया और इंडो स्पिरिट्स नामक एक आरोपी कंपनी का गठन किया। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि कविता ने कंपनी को एक ‘वास्तविक व्यावसायिक इकाई’ के रूप में दिखाया और 192.80 करोड़ रुपये की अपराध आय अर्जित की। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि कविता गवाहों को प्रभावित करने के कृत्यों में भी शामिल थी।

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