वरिष्ठ पत्रकार.नई दिल्ली।
पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है, यहां पर कोई भी स्वतंत्रता नहीं है। बोलना, लिखना तो वहां की आवाम के लिए अपनी सोच से भी परे हैं। लोगों की आवाज बुलंद करने वाले पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाता है। खासकर, सेना अपने खिलाफ कुछ भी आलोचना करने को बिल्कुल ही नहीं बर्दाश्त करती है। ताजा मामला, पाकिस्तान की सेना से जुड़ा है। यहां के एक यूट्यूब चैनल के चर्चित पत्रकार को सेना के खिलाफ लिखना , उस समय महंगा पड़ गया, जब उसके खिलाफ आलोचना करने के आरोप में झूठा केस दर्ज कर लिया गया तथा घर से उठाकर जेल में डाल दिया गया। अदालत ने पत्रकार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पता चला है कि पत्रकार को किसी परिवारिक सदस्य तथा अन्य से मुलाकात करने के लिए नहीं दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर विदेशी मीडिया ने पाकिस्तान सेना तथा नई सरकार के खिलाफ काफी कुछ लिखकर कड़ी आलोचना की। लिखा गया है कि विश्व के चौथे स्तब्ध की कलम पर एक बड़ा हमला किया गया।
पत्रकार इमरान रियाज खान अपना यूट्यूब चैनल पाकिस्तान में चलता है। अधिकतर प्रसारित होने वाली न्यूज़ सच्चाई पर आधारित होती है। देश में महंगाई से लेकर जनता का फैसले को उन्होंने काफी प्रमुखता से प्रसारित किया। सूत्रों से पता चला है कि पिछले समय इमरान की नाकामी को काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया था। सरकार ने भी इन्हें कई बार कानूनी नोटिस भेजे, लेकिन, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाई। क्योंकि, पाक आवाम हमेशा उनके साथ रही है। सूत्रों से पता चला है कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी बड़े फैन हैं। उनके हर फैसले की भरपूर प्रशंसा करते है तथा पाक आवाम से इस बारे उनकी राय भी लेते है। चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि सेना उनकी आवाज को दबाना चाहती है, इसलिए, उन्हें घर से उठा लिया तथा जेल में डाल दिया। अदालत ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गिरफ्तारी को लेकर परिवार तथा उनके प्रशंसकों में सेना के खिलाफ काफी रोष पाया जा रहा है। पता चला है कि शनिवार को लाहौर तथा अन्य शहरों में सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। बोला गया कि स्वतंत्रता की आवाज को दबाया जा रहा है। उनके साथ बिल्कुल गलत किया गया। जनता सेना के फैसले से नाखुश है। माना जाता रहा है कि आवाम कभी सेना के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करती है। लेकिन, इस बार जनता को सड़कों पर आने के लिए मजबूर कर दिया। आरोप लगे है सेना के आदेश पर किसी को रियाज खान से मुलाकात नहीं करने दी जा रही है।
मीडिया पर बड़ा हमला
देश-विदेश की मीडिया ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को झूठा बताया गया। साफ शब्दों में लिखा है कि पाकिस्तान अपने पत्रकारों की आवाज को दबा रहा है। खासकर सेना अपनी आलोचना को सहन नहीं कर सकी, इसलिए पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई कर दी। पत्रकार का काम है कि सच और झूठ को प्रसारित करना। झूठे केस में फंसा देना है यह कौन सा कानून इज्जात देता है। भारत के कई बड़े मीडिया घरानों ने पाकिस्तानी सेना की पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कड़ी आलोचना की।