वरिष्ठ पत्रकार.नई दिल्ली।
जबरदस्त बारिश से पहाड़ी इलाकों में नदी, नाले उफान पर है। इसका फायदा सीमा पार बैठे आतंकी लेने की फिराक में है। क्योंकि, जम्मू कश्मीर के अधिकतर नदी नाले पाकिस्तान जाते हैं। खराब मौसम में तकनीकी उपकरण यहां काम करना कम कर देते हैं तो कई जगहों पर सुरक्षा ढांचा भी क्षतिग्रस्त हो जाता है।
इसकी आड़ में आतंकी घुसपैठ की फिराक में रहते हैं। खुफिया एजेंसियों के पास ऐसे इनपुट पहुंचे हैं कि आतंकी खराब मौसम का लाभ उठाकर बैट हमला और घुसपैठ कर सकते हैं। इसे देखते एलओसी से लेकर बॉर्डर तक अलर्ट जारी किया गया है।
200 के करीब नदी-नाले
जानकारी के अनुसार सांबा, कठुआ और जम्मू से करीब 200 नदी-नाले पाकिस्तान जाते हैं। इनमें चिनाब, उज्ज, बसंतर मुख्य रूप से शामिल है। जबकि बाकी के छोटे छोटे नाले भी पाकिस्तान जाते हैं। यहीं नहीं राजौरी और पुंछ जिले की नदियां और नाले भी पाकिस्तान जाते हैं। पिछले दो साल से इन्हीं पांच जिलों से सबसे अधिक घुसपैठ के प्रयास हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि आतंकी इन जिलों की एलओसी और बॉर्डर से घुसपैठ की फिराक में है। इसे देखते हुए सतर्कता बढ़ाई गई है।
बहुत बार हो चुके हैं प्रयास
बता दें कि खराब मौसम में आतंकियों ने अक्सर एलओसी और बॉर्डर से घुसपैठ की है। यहीं नहीं, पिछले दिनों पुंछ के भाटादुड़ियां में सैन्य वाहन पर हुआ हमला भी खराब मौसम की आढ़ में हुआ। इसके पहले 2013 में पुंछ में ही बैट हमला घने कोहरे में हुआ था। कई बार आतंकियों ने सीमा पर फेंसिंग काट कर भी घुसपैठ करने का प्रयास किया है। ऐसे में आशंका है कि आतंकी इस तरह की हरकत कर सकते हैं। हालांकि अमरनाथ यात्रा को लेकर दोनों ही जगहों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।