बुलारिया’ का ‘आप’ में जाना लगभग तय,चंड़ीगढ़ से लेकर दिल्ली की राजनीति में हलचल 7 सितंबर को पहुंच रहे केजरीवाल अमृतसर, पंजाब की राजनीति में होगा बड़ा धमाका फिलहाल आप ने नहीं खोले पूरे पत्ते, बुलारिया तथा दो कांग्रेस विधायकों का आप में शामिल होना लगभग तय कांग्रेस पार्टी का पंजाब में हो सकता है बड़े स्तर पर नुकसान कयास सिद्वू के भी आप में शामिल होने के चल रहे आसार एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़।
पंजाब की कांग्रेस राजनीति में आने वाले दिनों में बड़ा भूचाल आने वाला है। क्योंकि, अमृतसर से कांग्रेस विधायक तथा मुख्यमंत्री की सलाहकार कमेटी के सदस्य इंदरबीर सिंह बुलारिया बड़ा धमाका करने जा रहे है। संकेत मिल रहे है मंगलवार को बुलारिया तथा उनके समीप के दो कांग्रेसी विधायक आप में शामिल होने जा रहे है। इतना ही नहीं शहर में लगे होर्डिंग्स में बुलारिया ने अपनी पगड़ी का रंग भी आप नेताओं द्वारा पहले जाने वाली केसरिया रंग की पगड़ी पहन रखी है। चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली की राजनीति में इस बात को लेकर बड़ी हलचल मची है। दिल्ली हाईकमान के सूत्र बुलारिया के आप में शामिल होने का पूख्ता तौर पर संकेत दे रहे है। किंतु, बुलारिया इस बात को सिरे से नकार रहे है। आप ने अभी अपने पत्ते तो नहीं खोले है, लेकिन हवा का रुख इस बात के साफ संकेत दे देता है कि बुलारिया का आप में जाना लगभग तय है। कयास इस बात के भी लगाए जा रहे है कि कांग्रेस हाईकमान से चल रहे नाराज पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्वू भी आप में शामिल हो सकते है। फिलहाल इस बारे अभी किसी ने अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की। चर्चा, इस बात की काफी जोरशोर से चल रही है कि अगर वाक्य यह बात सच हो जाती है तो कांग्रेस को चुनाव से पहले बड़े स्तर पर बड़ा नुकसान हो सकता है।
इंदरबीर सिंह बुलारिया का परिवार लंबे समय से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ा है। इनके दिवंगत पिता , जिन्होंने बचपन की राजनीति कांग्रेस पार्टी से शुरुआत की। कई बड़े पदों पर रहते हुए लोगों तथा पार्टी की जी जान से सेवा की। विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। अपने चिर प्रतिद्वंद्वी हरजिंदर सिंह ठेकेदार को कड़ी टक्कर देकर हर राजनीति पार्टी को अपनी काबिलियत का सबूत दे दिया। उसके बाद शिअद से विधायक की टिकट मिलने पर अच्छे मतों से जीत हासिल की, जबकि विधायक रहते हुए उनका लंबी बीमारी की वजह से निधन हो गया।
उसके बाद इंदरबीर सिंह बुलारिया ने शिअद से विधायक की पारी शुरू की। एक समय आया कि बुलारिया शिअद को अलविदा कहते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस की टिकट पर वह विजय रहें तथा शुरु-शुरु में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के काफी नजदीक भी रहे। इस समीपता की वजह से बुलारिया को सीएम का सलाहकार बनने का अवसर भी हासिल हुआ। कुछ समय से कांग्रेस में नजरअंदाज होने की वजह से सिद्वू का हाथ पकड़ लिया। अब पार्टी में उनका वर्चस्व भी इतना मजबूत नहीं रहा। जिस वजह से उनका कदम आप की तरफ बढ़ रहा है।
जबकि बुलारिया, अपने बयान में यहीं कह रहे है कि कांग्रेस में है और रहेंगे भी। मगर दिल का अंदाज कुछ और बयां कर रहा है। क्योंकि बुलारिया तथा केजरीवाल के साथ दोनों की गुप्त तरीके से बातचीत हो चुकी है। मगर, अभी अधिकारिक तौर पर किसी ने पुष्टि नहीं की।
सात सितंबर को केजरीवाल का अमृतसर में आना लगभग तय है। उस दिन पंजाब की राजनीति में बड़ा धमाका होगा।